हरियाली तीज 2022: 31 जुलाई को मनाई जाएगी हरियाली तीज, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जुलाई। हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है और तभी सावन का महीना शुरू होता है. सावन के महीने का विशेष महत्व है क्योंकि इसमें कई त्योहार जैसे कि रक्षाबंधन, हरियाली तीज, गुरु पर्व और शिवरात्रि आदि आते हैं. सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज काफी खास होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत उपवास करती हैं.

इस दिन मनाई जाएगी हरियाली तीज
हरतालिका यानि हरियाली तीज इस बार 31 जुलाई 2022 को है, जो कि प्रात: 6:30 बजे शुरू होगी. पूजा का सही समय सुबह 6:30 बजे से 8:33 बजे तक है. वहीं प्रदोष पूजा सायंकाल में 6:33 बजे से रात 8:51 बजे तक की जा सकती है.

हरियाली तीज व्रत में हरे रंग का महत्व

हरियाली तीज व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व है. हरे रंग को भक्ति और श्रृंगार का प्रतीक माना जाता है. यह आंखों और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. हरा रंग सौभाग्य की निशानी होता है. भगवान शिव को हरा रंग बेहद प्रिय है. सावन के महीने में प्रकृति में चारों तरफ हरे रंग की छटा बिखरी रहती है. कुंवारी कन्याएं हरे रंग का वस्त्र पहन कर अच्छे पति प्राप्त करने की लालसा से हरियाली तीज का व्रत रखती हैं.

इस लिए हरियाली तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं हरे परिधान के साथ –साथ हरी चूड़ियां या कंगन भी पहनती हैं. सुहागिन महिलायें हरियाली तीज व्रत में हरे रंग के वस्त्र धारण कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं तथा पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करती हैं. इस व्रत को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था. कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने अपने आपको प्रकृति के रूप में रंग लिया था और भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो गई थी. यह भी मान्यता है कि सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए विशेष पूजा और कठोर तप किया था. तब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.