क्षेत्रीय परिषद की बैठकें नियमित हों, परिणामलक्षी हों और लंबित मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाए- अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता की।
समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 9जुलाई। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर,दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, लद्दाख के उपराज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर, चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के वित्त मंत्री श्री हरपाल सिंह चीमा और सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव,अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव,उत्तरी क्षेत्र में सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अमित शाह ने कहा कि देश के विकास में क्षेत्रीय परिषदों का एक लंबा इतिहास रहा है। ये परिषदें केंद्र तथा राज्य के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध, विवादित अंतर्राज्यीय मुद्दों का आम सहमति से समाधान निकालने, राज्यों के बीच क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और देशभर में लागू किये जाने वाले साझा राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी का इस बात पर जोर रहा है कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकें नियमित हों, परिणामलक्षी हों और लंबित मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अंतर्राज्यीय परिषद और केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के सभी मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे गति देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2006 से 2013 के बीच क्षेत्रीय परिषद की 6 और इसकी स्थायी समिति की 8 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2022 तक क्षेत्रीय परिषद की 19 और स्थायी समिति की 24 बैठकें हुईं। श्री शाह ने कहा कि परिषद की बैठकों की गति को काफी बढ़ाया है और इन्हें परिणामलक्षी भी बनाया है। उन्होंने कहा कि इस गति और परिणाम लाने के रिकार्ड को जारी रखना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में राज्यों के बीच परस्पर और केंद्र तथा राज्यों के बीच समस्याओं का समाधान देश के विकास व संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 2019 में चंडीगढ़ में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में 18 मुद्दों पर चर्चा हुई थी और इनमें से 16 मुद्दों का समाधान निकाल लिया गया।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरों और इनकी रोकथाम के लिए रणनीति पर भी चर्चा की। गृह मंत्री ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा विभिन्न माध्यमों के जरिए साइबर सावधानी संबंधी जागरूकता अभियान चलाने पर ज़ोर दिया। साइबर अपराधों के राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजिनक व्यवस्था और आर्थिक गतिविधि पर गहरे प्रभाव के दृष्टिगत परिषद ने राष्ट्र के साइबर स्पेस की सुरक्षा और समग्र नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया। श्री अमित शाह ने केंद्र और राज्य सरकारों की एजेंसियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा विकसित कॉमन सॉफ्टवेयर का उपयोग करने, चिंता के विष्यों को चिन्हित करने के लिए मिलकर काम करने और अपराधियों का पता लगाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सलाह दी। इस संदर्भ में यह फैसला किया गया कि साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों और राज्य सरकारों के साथ केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति रणनीति तैयार करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने पुलिस अधिकारियों, पब्लिक प्रोसीक्यूटरों और टेलकॉम कंपनियों, उनके PoS एजेंट्स सहित कटिंग ऐज एजेंसियों को नई टेक्नोलोजी और उन्नत स्किल से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने साइबर अपराधों का पता लगाने के लिए आईटी टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने और उनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यवस्थित उपाय करने के लिए कहा।
बैठक में सदस्य राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे की जटिल समस्या पर भी चर्चा हुई। श्री अमित शाह ने संबंधित राज्यों से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए समयबद्ध समाधान निकालने को भी कहा। श्री अमित शाह ने कहा कि सभी स्टेकहोल्डर एक साथ मिलकर विकास के लिए एक मजबूत सहयोगी तंत्र की स्थापना करें, इस उद्देश्य से ही क्षेत्रीय परिषदों की रचना की गई। उन्होंने कहा कि वैसे तो परिषद की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि उनके तीन साल के अनुभव में परिषद में 75 प्रतिशत से ज्यादा मसलों का आम सहमति से समाधान किया गया है। इस प्रकार से एक बहुत अच्छी प्रक्रिया शुरू हुई है और हम सबको इसे जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय सहमति के मुद्दों पर शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में क्षेत्रीय परिषदों की विभिन्न बैठकों में देशभर से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें फोरेंसिक सांइस लैब और फोरेंसिक सांइस यूनिवर्सिटी, सीआरपीसी और आईपीसी में संशोधन, पांच किलोमीटर के दायरे में देश के हर गांव में बैंकिंग सेवा, शत-प्रतिशत गांवों में मोबाईल नेटवर्क, कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ग्रामीण जनसंख्या को राज्य और केंद्र सरकार की सुविधाएं, राज्य और केंद्र सरकार की सभी लाभार्थी योजनाओं को शत-प्रतिशत DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अनेक मुद्दे शामिल हैं।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की आज जयपुर में हुई 30वीं बैठक और इसकी स्थायी समिति की 19वीं बैठक में कुल मिलाकर 47 मुद्दों पर चर्चा की गयी। इनमें से 4 मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिन्हित किया गया है, इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा हो रही है और इनकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है। इनमें, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराध के मामलों की निगरानी, ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना करना और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का कार्यान्वयन करना शामिल हैं। कुल 47 मुद्दों जिन पर चर्चा की गई, उनमें से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया है। यह सहकारी संघवाद की भावना से राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के प्रति मोदी सरकार के संकल्प और कटिबद्धता को दर्शाता है।
क्षेत्रीय परिषद की बैठक में इस बात की भी सराहना की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग नेटवर्क के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए विजन के अनुसार सभी गांवों में 5 किमी के भीतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काफी प्रगति हासिल की गई है। इस मुद्दे पर उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की आज की बैठक सहित पिछले 3 वर्षों के दौरान सभी क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में चर्चा की गई। इन बैठकों में चर्चा और सुझावों के आधार पर वित्तीय सेवा विभाग, डाक विभाग और सहकारिता मंत्रालय प्रत्येक गाँव में 5 किमी के भीतर बैंक शाखाएँ (सहकारी बैंक शाखा सहित) और पोस्ट ऑफिसों के IPPB टच पॉइंट समयबद्ध तरीके से स्थापित करने के लिए रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। उत्तरी क्षेत्र के राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में ऐसी बैंक शाखाओं/IPPB टच पॉइंट के विस्तार पर जयपुर की इस बैठक में विशेष रूप से चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन राज्यों एव संघ शासित प्रदेशों के लिए यह कारवाई शीघ्र पूरी की जाएगी।