राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देंगे ISF विधायक नौशाद सिद्दीकी

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समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 15 जुलाई। पश्चिम बंगाल विधानसभा में आईएसएफ के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेंगे क्योंकि दोनों में से कोई भी उम्मीदवार पार्टी को स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि आईएसएफ कभी भारतीय जनता (भाजपा) पार्टी नीत राजग उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा, जबकि विपक्ष का उम्मीदवार भी उसे स्वीकार्य नहीं है क्योंकि उनके पहले भाजपा से संबंध रह चुके हैं। सिद्दीकी ने कहा कि आईएसएफ की अपनी विचारधारा है और वह उसी के साथ आगे बढ़ेगी।

इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक ने कहा, “दो उम्मीदवारों में से कोई भी हमारी पसंद का नहीं है। द्रौपदी मुर्मू सीधे भाजपा से हैं, जबकि अन्य उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भाजपा के पूर्व सदस्य हैं।”

उन्होंने कहा कि सिन्हा ने 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक संघर्ष के बाद नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था, और आईएसएफ उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करेगा, इस तथ्य के बावजूद कि वह वाम मोर्चा और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सर्वसम्मति से उम्मीदवार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि आईएसएफ ने 2021 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव वाम मोर्चा और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसे उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवार का समर्थन करना पड़ेगा।’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के अलावा आईएसएफ इकलौती विपक्षी पार्टी है जिसने एक सीट पर जीत हासिल की थी।

राज्य चुनाव से पहले, हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के एक मुस्लिम मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने पार्टी की स्थापना की।

सिद्दीकी ने दावा किया कि भाजपा देश के हितों को नुकसान पहुंचा रही है और उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर कर रही है।

उन्होंने पार्टी की बर्खास्त प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, “भाजपा ने विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।”

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