राज्यसभा अध्यक्ष नायडू ने सदस्यों से “अमृत काल” चुनौतियों के लिए तैयार रहने का किया आग्रह

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 जुलाई। राज्यसभा के सभापति के रूप में नायडू का यह आखिरी सत्र है। देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में उनका पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, सभापति नायडू ने उच्च सदन में कहा कि यह उनके कार्यकाल का आखिरी सत्र है।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों से अपील की कि वे पिछले पांच वर्ष की तुलना में ‘बेहतर’ प्रदर्शन करें।
नायडू ने अपने कार्यकाल के संदर्भ में कहा कि पिछले 13 सत्रों के दौरान, 248 निर्धारित बैठकों में से 141 बैठकें (57 प्रतिशत) आंशिक रूप से या पूरी तरह से बाधित रहीं।

उन्होंने कहा, आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि राष्ट्र के लिए सौंपे गया यह मिशन बेहतर हो सकता था। कभी नहीं से देर भली। अब भिन्न और बेहतर होने का समय है। उनकी इस टिप्पणी के दौरान कांग्रेस सदस्य महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के पास नारेबाजी कर रहे थे।

18 जुलाई, 2022 को शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन सदन में अपने उद्घाटन भाषण में, नायडू ने कहा कि उन्होंने सदन के प्रभावी कामकाज के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और यदि उनका सर्वश्रेष्ठ कम पाया गया तो वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

सदन में शोरगुल के बीच ही उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के आखिरी दिन इन पांच साल के दौरान उच्च सदन के कामकाज का विस्तृत विवरण देंगे। नायडू ने कहा, ‘‘…. मैं आप सभी से इस सत्र को यादगार बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की अपील करना चाहता हूं, खासकर इस सत्र के महत्व के मद्देनजर।’’ सभापति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सत्र अमृत काल के अगले 25 वर्ष में सदन के कामकाज के लिए दिशा तय करेगा।

उन्होंने कहा कि यह काल भारत को पूरी तरह से नए दौर में ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। उन्होंने कहा, पांच साल पहले मेरे कार्यभार संभालने के बाद से, हम यहां अब तक 13 पूर्ण सत्रों के लिए एकत्र हुए हैं और यह 14 वां ऐसा मौका है।

पांच साल की यह यात्रा मेरे लिए काफी सीखने वाला अनुभव रहा… इस महान सदन में अलग-अलग सोच, झुकाव और राजनीतिक विचारधाराओं वाले 30 से अधिक राजनीतिक दलों के करीब 245 सदस्यों के साथ काम करना करना अनुभवप्रद और चुनौतीपूर्ण रहा।’’

सभापति ने कहा कि उन्होंने सभी सदस्यों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने की भरसक कोशिश की। उन्होंने कहा, इन सकारात्मक चीजों का श्रेय आप सबको जाता है। और अगर मेरे सर्वोत्तम प्रयास आपकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे तो मैं इसकी जिम्मेदारी लेने में संकोच नहीं करूंगा। उन्होंने कहा, स्वतंत्र भारत के 100 साल का होने पर हमारी आबादी में करीब 20 करोड़ की वृद्धि होगी।

इसके साथ आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर दीर्घकालिक दृष्टि और परिकल्पना के साथ विचार करने की आवश्यकता है… उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में भारत की संसद को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। संसद सदस्यों को इस अवसर के अनुरुप काम करने की जरूरत है।

नायडू ने विभिन्न संसदीय समितियों के कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित राज्यसभा की आठ स्थायी समितियों में से सात की कुल 29 बैठकें हुईं।

इन बैठकों की औसत अवधि दो घंटे से अधिक रही जबकि औसत उपस्थिति 46 प्रतिशत रही है। उन्होंने इन समितियों के बेहतर प्रदर्शन पर खुशी जताई। शिक्षा संबंधी समिति की पांच बैठकों में औसत अवधि 3.22 घंटे रही जो अधिकतम है।

कार्मिक, लोक शिकायत एवं कानून और न्याय संबंधी समिति की पांच बैठकों की औसत अवधि 2.15 घंटे रही। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति की छह बैठकों की औसत अवधिक करीब दो घंटे रही।

नायडू ने विभिन्न समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों को उनके सराहनीय कार्यां के लिए बधाई दी। इसके साथ ही सभापति ने उन 71 सांसदों का स्वागत किया जो उच्च सदन के लिए निर्वाचित या पुन:निर्वाचित हुए हैं।

इन सदस्यों में से 14 पुन: निर्वाचित हुए हैं जबकि 57 पहली बार सदस्य बने हैं। उन्होंने चार मनोनीत सदस्यों – पी. टी उषा, इलैया राजा, विजयेंद्र प्रसाद और वीरेंद्र हेगड़े का भी स्वागत किया।

कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में नायडू ने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश ने कोविड -19 रोधी टीकाकरण के तहत 200 करोड़ के आंकड़े के मील के पत्थर तक पहुंचकर इतिहास बना दिया। उन्होंने कहा कि यह वयस्क आबादी को 97 प्रतिशत पहली खुराक और 90 प्रतिशत दोनों खुराक है।

उन्होंने इसे उल्लेखनीय उपलब्धि करार देते हुए कहा कि सदन टीका निर्माताओं और उत्पादकों, केंद्र और राज्य सरकारों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों सहित सभी पक्षों की सराहना करता है।

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