समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 25जुलाई। भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राम कृष्ण गोस्वामी ने राजस्थान के सीएम गहलोत को पत्र लिखकर राज्य में आतंक, अलगाव, भ्रष्टाचार, शोषण, अन्याय एवं अराजकता पर विराम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।
अपने लिखे पत्र में राम कृष्ण गोस्वामी ने लिखा कि महोदय, राजस्थान शासन आजादी के बाद से ही भरतपुर जिले में सुरक्षा, शांति, सद्भावना, न्याय, विकास, मानवाधिकार व धर्म के संबंध में चिंतित, परेशान व किंकर्तव्यविमूढ़ रहा है। वर्तमान में आतंक, अलगाव, भ्रष्टाचार, शोषण, अन्याय एवं अराजकता से जिला असुरक्षित, अशांत व भयभीत है। शासन के लिए यह गंभीर चुनौती, चेतावनी व संकट भी है।
क्या आप राजस्थान के प्रशासनिक प्रमुख होने की दृष्टि से भरतपुर जिले में आईपीएस पंकज चौधरी की नियुक्ति करके शासन के लिए बेहतर विकल्प चुनेंगे? आपको स्मरण होगा जब जैसलमेर में पुलिस अधीक्षक के उत्तरदायित्व को ध्यान में रखा। असुरक्षा, आतंक, अशांति, अराजकता और अन्याय के विरुद्ध विनाशाय च दुष्कृताम् का शंखनाद कर दिया था। एसडीआरएफ कमांडेंट के रूप में भी आईपीएस पंकज चौधरी ने पुलिस प्रशासन और लोक कल्याण की विधि व्यवस्था में ऐतिहासिक और प्रेरणादायक नेतृत्व दिया है। पुलिस बल का
मनोबल बढ़ाने के साथ सामाजिक सहयोग भी उनकी नीति का अभिन्न हिस्सा रहा है। भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान आपसे अपील करता है कि, “आप लोकहित में इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और आवश्यक दिशानिर्देश दें।
बता दें कि सीएम गहलोत को यह पत्र राम कृष्ण गोस्वामी ने साधु विजयदास के आत्मदाह मामले को लेकर लिखा है। अवैध खनन के खिलाफ भरतपुर में लंबे समय से साधु संत आंदोलनरत हैं। हाल ही मोबाइल टॉवर पर चढ़े बाबा नारायण दास को तो सरकार और प्रशासन ने समझा कर नीचे उतार लिया था। लेकिन उसी दौरान पशुपति नाथ मंदिर के महंत साधु विजयदास बाबा ने आत्मदाह का प्रयास किया। गंभीर रूप से झुलसे साधु विजयदास जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रेफर किया गया है। साधु संतों की ओर से अवैध खनन के खिलाफ पिछले डेढ़ साल से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इतने लम्बे आन्दोलन के बावजूद अशोक गहलोत सरकार ने साधु संतों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
खनन माफियाों की दबंगई के आगे साधु संतों का आन्दोलन बोना साबित हो गया। गुस्साए बाबा नारायण दास दो दिन पहले मोबाइल टॉवर पर चढ गए। इसके बाद संतों को मनाने के लिए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को भरतपुर भेजा गया। पुलिस और प्रशासन के दो दिन के प्रयासों के बाद बुधवार 20 जुलाई की दोपहर को मोबाइल टॉवर से नीचे उतरे। इसी दौरान दूसरे संत विजयदास दास ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा ली। साधु संत इस बात को लेकर गुस्साए हैं कि 551 दिन से चल रहे आन्दोलन पर सरकार के कान पर जूं तक क्यों नहीं रेंगी। संतों ने अब उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान पिछले 21 वर्षों से पुलिस, कारागार, प्रशासन, यूनिवर्सिटी और समाज को केन्द्र बनाकर अपराधमुक्त राजस्थान निर्माण अभियान चला रहा है। आज भरतपुर जिला ही नहीं अपितु संपूर्ण, प्रदेश, देश और विश्व पूज्य संत विजयदास जी के ब्रज रक्षा हेतु सर्वोच्च बलिदान से चिंतित व आक्रोशित है।