समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जुलाई। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि भारत और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों की लगातार उच्च-स्तरीय यात्राओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों को घनिष्ठ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित भारत-उज़्बेकिस्तान बिजनस फोरम में उन्होंने कहा कि भारत के लिए उज्बेकिस्तान एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार है और दोनों देशों के घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए, श्रीमती पटेल ने दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार पर जोर दिया। तदनुसार, उन्होंने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे अपने वर्तमान और नये उत्पादों के लिए नये बाजारों पर ध्यान केन्द्रित करें क्योंकि बहुक्षेत्रीय व्यापार समय की आवश्यकता है। श्रीमती पटेल ने विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, आतिथ्य और पर्यटन, आईटी और प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में उज्बेकिस्तान के साथ भारत के संबंधों को और घनिष्ठ बनाने की इच्छा को रेखांकित किया जो उज्बेकिस्तान के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
उज्बेकिस्तान के लिए फार्मास्युटिकल और आईटी क्षेत्र के महत्व को देखते हुए, उज्बेकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और निवेश और विदेश व्यापार मंत्री, महामहिम जमशेद खोदजायेव ने अपने मुख्य भाषण में भारतीय व्यवसायों को उज्बेकिस्तान के साथ फार्मा और आईटी उत्पादों को एकीकृत और संयुक्त रूप से उत्पादन करने तथा फिनटेक और साइबर सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों के विकास की दिशा में काम करने के लिए आमंत्रित किया।
भारत उज्बेकिस्तान संयुक्त व्यापार परिषद (भारत से) के सह-अध्यक्ष और भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष श्री राकेश भारती मित्तल ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य और फार्मा और अंतरिक्ष में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच जुड़ाव की संभावना पर जोर दिया।
उज्बेकिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष श्री फरखोदजोन तोशपुलतोव ने उल्लेख किया कि भारत को उज्बेकिस्तान के प्रमुख भागीदारों में से एक माना जाता है और आर्थिक सहयोग उजबेकिस्तान की प्राथमिकता है। उन्होंने फार्मास्युटिकल, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण आदि जैसी पारस्परिक रूप से लाभकारी परियोजनाओं पर भारत के साथ प्रयासों में शामिल होने के लिए उज्बेकिस्तान की उत्सुकता का उल्लेख किया।