आप सांसद राघव चड्ढा की कोशिशे हुई कामयाब, अब धार्मिक और परमार्थ संस्थान के सरायों के कमरों पर नहीं लगेगा जीएसटी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अगस्त। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित सरायों के कमरे के किराये या संपत्तियों पर माल एवं सेवा कर नहीं लगेगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ये जानकारी दी. गौरतलब है कि इससे पहले इन सरायों के कमरों के किराये पर जीएसटी लगने की बात कही जा रही थी. जिसके बाद गुरुवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. चड्ढा ने मुलाकात के दौरान वित्त मंत्री से धार्मिक संस्थाओं द्वारा संचालित सरायों के कमरों पर जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की थी. जिसके बाद शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों के सरायों के कमरों पर जीएसटी नहीं लगेगा.
However, there is another exemption which exempts renting of rooms in religious precincts by a charitable or religious trust, where amount charged for the room is less than Rs. 1000/- per day. This exemption continues to be in force without any change. (3/9)
— CBIC (@cbic_india) August 4, 2022
बता दें कि राघव चड्ढा ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के दौरान अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित धार्मिक परिसरों के सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने के संबंध में एक पत्र सौंपा था. जीएसटी परिषद ने इस साल जून माह में फैसला किया था कि एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत का कर लगाया जाएगा.
18 जुलाई, 2022 को एक हजार रुपये से कम किराए वाले कमरे पर जीएसटी प्रस्ताव के लागू होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा संचालित कुछ सरायों ने एक हजार रुपये से कम किराये वाले कमरों के लिए जीएसटी जुटाना शुरू कर दिया था. जीएसटी परिषद की सिफारिश पर 1,000 रुपये किराये वाले होटल कमरों को पहले की छूट श्रेणी से 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के तहत लाया गया था. वित्त मंत्रालय के तहत सीबीआईसी ने कई ट्वीट कर कहा कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित सरायों के कमरे के किराये पर जीएसटी लागू नहीं होगा.
(इनपुट- एजेंसी)