समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 अगस्त। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक तीन और चार सितंबर को पटना में होगी।
पार्टी महासचिव अफाक अहमद खान ने कहा कि दोनों दिन संगठन संबंधी मुद्दों और सदस्यता अभियान पर चर्चा की जाएगी।
ये बैठकें इसलिए अहम मानी जा रही हैं, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़ते हुए महागठबंधन से हाथ मिला लिया था, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामदल शामिल हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद जद(यू) के दो सबसे महत्वपूर्ण संगठनात्मक निकाय हैं।
पार्टी ने 9 अगस्त को एक राजनीतिक निर्णय लिया और इसे शीर्ष निर्णय लेने वाले निकायों द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता है। इसलिए यह एजेंडे में होगा।”
9 अगस्त को सीएम नीतिश कुमार ने “एनडीए के मुख्यमंत्री” के रूप में इस्तीफा दे दिया, पार्टी में “सर्वसम्मत भावना” का हवाला देते हुए कि भाजपा के साथ संबंध तोड़ दिए गए थे। आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के सभी सांसदों और विधायकों की बैठक की।
राजद के नेतृत्व में और कांग्रेस और वाम दलों से बने “महागठबंधन” ने नाटकीय घटनाक्रम के दिन कुमार को अपना नेता घोषित किया।
जद (यू) नेता ने एक दिन बाद मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसमें राजद के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव उनके डिप्टी थे।
इस कदम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक “धर्मनिरपेक्ष” चुनौती के रूप में मुख्यमंत्री के राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने की नई अटकलों को हवा दी है।