14 साल बाद भाद्रपद में बन रहा है शनिश्चरी अमावस्या का योग, इन राशियों वाले लोग अपनाएं ये उपाय

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26अगस्त। भाद्रपद यानि भादों के महीने में 27 अगस्त 2022, शनिवार के दिन अमावस्या पड़ रही है. जिसे शनिश्चरी अमावस्याय कहते हैं. इस महीने में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग 14 साल बाद बना है और अब इसके लिए आपको 2025 तक का इंतजार करना होगा.

शनि अमावस्या 27 अगस्त को पड़ रही है और इस बार बेहद ही दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन शनि ग्रह अपनी ही राशि मकर में मौजूद रहेंगे और शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इसलिए यह दिन और भी खास हो जाता है.

जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या चल रही है उन्हें शनि अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए. इससे शनि की महादशा का अशुभ प्रभाव कम होता है. इस समय धनु, मकर, कुंभ, मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है.

शनिश्चरी व शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं. इसके अलावा दीपक में कुछ दाने काले तिल के भी डालने चाहिए. इस दिन काले तिल, काली उड़द और काले कपड़े का दान करना भी शुभ होता है.

शनिश्चरी अमावस्या से एक दिन पहले यानि शुक्रवार के दिन सवा पाव काली उड़द की दाल लाएं और उसे काले रंग के कपड़े में बांध दें. इसके बाद पोटली को अपने सिरहाने रखकर सो जाएं और शनि अमावस्या के साथ इस पोटली को शनि मंदिर में रख दें. इससे शनि का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम होता है.

यदि आप शनि के प्रकोप से राहत पाना चाहते हैं तो शनि अमावस्या के दिन कांसे की कटोरी में सरसों का तेल लें और उसमें एक सिक्का डालें. फिर इस तेल में अपना चेहरा देखें और तेल की कटोरी को शनि मंदिर में रख दें या किसी को दान कर दें.

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