झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच बस में सवार होकर निकले महागठबंधन के विधायक, बसंत सोरेन बोले- पिकनिक पर जा रहे
समग्र समाचार सेवा
रांची, 27अगस्त। झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच तीन बसें सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को लेकर सीएम आवास से अज्ञात लोकेशन के लिए रवाना होती नजर आईं. ऐसी अटकलें है कि ये बसे छत्तीसगढ़ के लिए निकली हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायकों के साथ सीएम हेमंत सोरेन भी रवाना हुए हैं. उनके सुरक्षा का पूरा काफिला भी बसों के साथ ही निकलता हुआ नजर आया. बस की पहली सीट पर सीएम हेमंत सोरेन के अलावा मंत्री बन्ना गुप्ता, जोबा मांझी और विधायक कुमार जयमंगल नजर आए थे. मीडिया के सवालों के जवाब में झामुमो नेता बसंत सोरेन ने कहा कि सभी लोग पिकनिक पर जा रहे हैं.
इससे पहले हेमंत सोरेन ने आज लगातार दूसरे दिन महागठबंधन के विधायकों के साथ मंथन किया. इस मीटिंग में पहुंचे विधायकों की गाड़ी में बैग देखे गए थे. ऐसा कहा जा रहा है कि इन विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है, हालांकि कुछ विधायकों ने इस दावे का खारिज करते रहे लेकिन आखिरकार वो बस में सवार होकर निकल गए. बताते चलें कि सोरेन की विधानसभा सदस्यता खनन पट्टे के मामले के कारण अधर में लटकी हुई है. राजभवन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल आज अयोग्यता आदेश पर हस्ताक्षर करके उसे निर्वाचन आयोग को भेजा सकते हैं.
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गठबंधन के विधायक आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए आज 11 बजे पहुंचे तो कई विधायकों की कारों में बैग देखे गए. इन विधायकों ने शुक्रवार सुबह और शाम को मैराथन बैठकें की थीं. गठबंधन के सूत्रों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है कि सरकार को कोई खतरा नहीं हो. सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार या छत्तीसगढ़ जैसे ‘‘मित्र राज्य’’ में एक रिसॉर्ट में विधायकों को रखा जाएगा ताकि BJP उन्हें अपने जाल में नहीं फंसा पाए.
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं. सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक विधायक हैं. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदन में 26 विधायक हैं. गठबंधन सहयोगियों ने दावा किया था कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. झामुमो ने विश्वास जताया था कि सोरेन 2024 तक पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे.