रूस और भारत को अब अमेरिकी डॉलर की जरूरत नहीं है- ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28अगस्त। रूस और यूक्रेन जंग के बीच ब्रिक्स ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, रूस और भारत को अब अमेरिकी डॉलर की जरूरत नहीं है। ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम की अध्यक्ष पूर्णिमा आनंद ने अपने एक बयान में संवाददाताओं से कहा कि, रूस और भारत को व्यापार में अमरिकी डॉलर की जरूरत नहीं है, आपसी समझौते के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं की ओर रुख किया है। ब्रिक्स अध्यक्ष पूर्णिमा आनंद ने कहा कि, हमने रुपये और रुबल में व्यापार करने के लिए आपसी सहमति बना ली है। उन्होंने कहा कि, इसके बाद हमारे देशों को आपसी व्यापार के लिए डॉलर का उपयोग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके आगे उन्होंने चीन को लेकर बताया कि, आज चीन द्वारा रूबल और युआन में आपसी व्यापार के लिए भी एक समान तंत्र विकसित किया गया है।

आरआईए समाचार एजेंसी के हवाले से पूर्णिमा ने कहा कि, इसका मतलब है कि ब्रिक्स देश रूस के लिए खुल रहे हैं, देश को प्रतिबंधों के परिणामों से उबरने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि, भारत और रूस के बीच आपसी व्यापार पिछले 40 वर्षों में पांच गुना बढ़ा है। मास्को भारत को तेल की तेजी से बढ़ती मात्रा की आपूर्ति करता है, और बदले में बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद, कपड़ा, दवाएं और अन्य उत्पाद प्राप्त करता है। उन्होंने इस बात पर भी जो दिया कि, नई दिल्ली पश्चिम और रूस के बीच मौजूदा प्रतिबंध युद्ध में खुद को एक तटस्थ पक्ष मानती है, और प्रतिबंधों के दबाव के बावजूद, मॉस्को के साथ “किसी भी क्षेत्र में जहां आवश्यक हो” सहयोग जारी रखेगा।

बता दें कि, ब्रिक्स एक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक मंच है जिसमें पांच सदस्य राष्ट्र शामिल हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। उन्होंने कहा कि, जब यूक्रेन में रूस का सैन्य अभियान शुरू हुआ, तो स्वाभाविक रूप से भारत पर रूसी तेल का आयात बंद करने का दबाव था। लेकिन विदेश मंत्रालय को इस दबाव को खारिज करते हुए रूसी पक्ष को आश्वासन दिया गया कि आपूर्ति बंद नहीं की जाएगी और प्रतिबंध व्यवस्था किसी भी तरह से हमारे देशों के बीच संबंधों को प्रभावित नहीं करेगी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.