कांग्रेस छोड़ने के बाद बोले गुलाब नबी आजाद, जिसे हम क्रूर समझते थे वह भले …..

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29अगस्त। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने आज मीडिया के सामने अपनी बात रखी. भाजपा से मिलीभगत के आरोपों पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर किया और जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है. जयराम रमेश के आरोपों पर उन्होंने कहा कि पहले वे अपना DNA चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं. वह देखें कि उनका DNA किस-किस पार्टी में रहा है.बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है. चापलूसी और ट्विट कर जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के सवाल गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी उसके लिए दवा चाहिए. अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है. अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है. गुलाम नबी आजाद ने संसद में पीएम मोदी से राहुल गांधी के गले मिलने पर तंज कसते हुए कहा कि वह मोदी से उलझे मैं नहीं. राज्यसभा से रिटायर होने के दौरान पीएम मोदी के आंखों में गुलाम नबी आजाद के लिए निकले आंसू के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले वह मोदी को क्रूर सकते थे लेकिन वे वैसे नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि जी23 की चिट्ठी लिखे जाने के बाद से कांग्रेस आलाकमना के लिए उनका विवाद रहा. वे कभी नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें पत्र लिखे, उनसे सवाल करे. कांग्रेस की बैठकें हुईं, लेकिन उनसे एक भी सुझाव नहीं लिया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या वह नई पार्टी बनाने के बाद जरूरत पड़ने पर बीजेपी के साथ जाएंगे तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है. खासकर वे लोग जो क्लर्क टाइप का काम कर रहे हैं.

गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया। कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि करते हुए कहा कि आज पार्टी आजाद हो गई है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा नें कहा कि यह उस नेता का चरित्र बताता है, जिस व्यक्ति को पार्टी ने पिछले 30-40 सालों में किसी न किसी पद पर बनाए रखा और अब जब राज्यसभा नहीं मिली तो छटपटाने लग गए और रिमोट नरेंद्र मोदी को दे दिया। खेड़ा ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता इन पर हस रहा है। अपने त्यागपत्र के डेढ़ पन्नों में अपनी उपलब्धियां भी गिनाई हैं। फिर कहते हैं कि मैं निस्वार्थ था और आज कांग्रेस आजाद हो गई।

बता दें कि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए यह कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है। रमेश ने कहा, ‘जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन…यह संयोग नहीं, सहयोग है। कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को उनकी लंबी पारी के दौरान ‘सब कुछ’ दिया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पार्टी ने आजाद को छात्र जीवन से ही पद दिया, उन्हें युवा कांग्रेस और संगठन में स्थान दिया गया, उन्हें मंत्री बनाने समेत कई राज्यों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का प्रभारी बनाया गया था।

घरवालों ने घर छोड़ने को मजबूर किया
कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर आजाद ने कहा कि कौन खुद घर छोड़ता है। मुझे तो घरवालों ने कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर किया। जब घरवाले को लगे कि ये आदमी नहीं चाहिए। अगर हमें यहां पराया समझा जाए तो घर में रहने वाला का काम है कि वो यहां से छोड़कर निकल जाए। सबसे ज्यादा अफसोस तो ये है कि चापलूसी करने या ट्वीट करने वालों को पार्टी में पद मिला है।

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