ईडी ने फर्जी मोबाइल गेमिंग ऐप के संचालकों पर मारे छापे, 17.32 करोड़ कैश जब्त

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली/कोलकाता, 11सितबंर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कहा कि एजेंसी ने धनशोधन जांच के तहत कोलकाता स्थित फर्जी मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रवर्तकों के खिलाफ की गई छापेमारी में 17.32 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की है. प्रवर्तन निदेशालय ने रेड में मिले भारी कैश की गिनती के किए नोट गिनने वाली 8 मशीनों को लगाया. इस कैश को गिनने में 16 घंटे से अधिक का समय लगा.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी फरार है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ऐप के प्रवर्तकों के कुछ राजनीतिक संपर्कों की छानबीन कर रही है और जानने का प्रयास कर रही है कि इस रकम से असल में किसे फायदा होता था.

ईडी कुछ चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इकाइयों के जरिये यहां कुछ गेमर द्वारा पैसों की हेराफेरी की भी जांच कर रही है. जांच एजेंसी की ओर से जारी एक तस्वीर में, बरामद किए गए 500 और 2000 तथा 200 और 100 रुपये के नोट के बंडल एक बिस्तर पर दिख रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि नकदी एक आवास से बरामद की गई जिस पर पते के रूप में ‘एफ 7. एन ए खान’ लिखा हुआ है और यह कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में स्थित है. ईडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि “मुख्य आरोपी आमिर खान फरार है.

बयान में कहा गया, तलाशी के दौरान कई दस्तावेज बरामद हुए जिन्हें जब्त कर लिया गया. परिसर से 17.32 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई है.

एजेंसी के अधिकारियों ने नोट गिनने वाली कम से कम पांच मशीन लगाईं और नकदी का वास्तविक मूल्य ज्ञात करने के लिए बैंक कर्मियों को बुलाया.

बाद में, एक ट्रक में पूरी नकदी रखी गई जिसे बैंक में जमा किया जाएगा. ईडी ने बताया कि गेमिंग ऐप ‘ई-नग्गेट्स’ और इसके प्रवर्तक आमिर खान के आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की.

कोलकाता पुलिस ने फरवरी 2021 में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, और इसी से धनशोधन का मामला सामने आया है. डी ने कहा कि यह प्राथमिकी कोलकाता की एक अदालत में फेडरल बैंक के अधिकारियों की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर पार्क स्ट्रीट थाने में दर्ज की गई थी.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निसार अहमद खान के बेटे आमिर खान ने गेमिंग ऐप ई-नग्गेट्स की शुरुआत की और यह गेम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के इरादे से डिजाइन किया गया. जेंसी ने कहा कि शुरुआती दौर में इस्तेमालकर्ताओं को एक कमीशन दिया जाता था और वॉलेट में मौजूद राशि को बिना किसी दिक्कत के निकाला जा सकता था.

इसने कहा, इससे यूजर्स का भरोसा इस पर जम गया और उन्होंने अधिक कमीशन बनाने तथा बड़ी तादाद में खरीदारी के लिए और अधिक निवेश करना शुरू किया.

ईडी ने कहा कि जनता से ठीकठाक राशि एकत्र कर लेने के बाद इस ऐप से इसकी निकासी को सिस्टम अपग्रेडेशन अथवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच का बहाना बनाकर अचानक इसे रोक दिया गया और बाद में प्रोफ़ाइल जानकारी सहित सभी डेटा को ऐप सर्वर से मिटा दिया गया.

ईडी ने कहा कि इसके बाद उपयोगकर्ताओं को इसकी चाल समझ में आई. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि इस ऐप और इसके संचालकों का संपर्क कहीं चीन के नियंत्रण वाले ऐप से तो नहीं है.

 

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