उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने रद्द की 250 ‘बैकडोर अपॉइंटमेंट’, विधानसभा सचिव को किया सस्पेंड

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समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 24 सितंबर। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने विधानसभा नियमों के उल्लंघन में की गई 250 पिछली नियुक्तियों को रद्द कर दिया। ये सभी नियुक्तियां तत्कालीन कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और वर्तमान भाजपा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने की थीं।

इसके अलावा, उत्तराखंड भूतपूर्व सैनिक कल्याण लिमिटेड (यूपीएनएल) के माध्यम से की गई 22 नियुक्तियां जिनकी जांच चल रही थी, उन्हें रद्द कर दिया गया है। तीन सदस्यीय डीके कोटिया जांच समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद शुक्रवार को विधानसभा में मीडिया को संबोधित करते हुए अध्यक्ष रितु खंडूरी ने यह टिप्पणी की।

नियुक्ति घोटाले में मुकेश सिंघल की संलिप्तता के खुलासे के बाद अध्यक्ष ने उन्हें भी निलंबित कर दिया।

2016 से विधानसभा में तदर्थ नियुक्तियों की चल रही जांच की रिपोर्ट के बाद, अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। यूपीएनएल की 22 भर्तियां भी रद्द कर दी गई हैं।

स्पीकर के फैसले के बाद विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी के कुछ नेताओं ने जांच की मांग करना बंद कर दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता मोहन कला ने फैसले के जवाब में कहा, “इन नियुक्तियों को रद्द करना स्वागत योग्य है।” “हालांकि, सरकार को इन लोगों की भर्ती करने वालों के खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।”

सरकार के इस कदम के बाद संभव है कि सरकार 22 साल पहले राज्य के गठन के बाद से की गई अन्य नियुक्तियों को रद्द कर देगी।

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