समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27सितंबर। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को गुजरात के आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा की बर्खास्तगी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और केंद्र को बर्खास्तगी के खिलाफ उनकी याचिका पर जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा, “हम इस स्तर पर बर्खास्तगी दिनांक 30.08.2022 के आदेश पर रोक लगाने या उस पर रोक लगाने के इच्छुक नहीं हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने 19 सितंबर को वर्मा की बर्खास्तगी के आदेश को एक हफ्ते के लिए टाल दिया था और स्टे को जारी रखने या नहीं करने पर विचार करने के लिए इसे हाईकोर्ट पर छोड़ दिया था। गौरतलब है कि आईपीएस अधिकारी ने 2004 के इशरत जहां मामले की जांच में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) की सहायता की थी।
गृह मंत्रालय ने 30 अगस्त को वर्मा को बर्खास्त कर दिया – उन्हें 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होना था। बर्खास्तगी के कारणों में से एक में “मीडिया से बात करना शामिल है जिसने देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित किया। इशरत जहां मामले की जांच में प्रताड़ना के आरोपों से इनकार करते हुए वर्मा द्वारा मीडिया से बात करने के बाद 2016 में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई थी। बर्खास्तगी पर रोक लगाने के लिए वर्मा के आवेदन में एक आदेश में हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि यह विवाद में नहीं है कि वर्मा ने एक समाचार चैनल को “उन पहलुओं से संबंधित साक्षात्कार दिया था जो उस समय उनके कर्तव्यों के दायरे में नहीं थे। “साक्षात्कार उन पहलुओं से भी संबंधित था जो विचाराधीन थे।”