जामनगर का व्यापार-कारोबार उत्तर भारत के साथ जुड़ेगा और वैश्विक पहचान और भी मजबूत बनेगी: नरेन्द्र मोदी
समग्र समाचार सेवा
जयपुर , 11 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को जामनगर के वैभव को नई ऊंचाई तक ले जाने की मंशा व्यक्त करते हुए कहा कि 36 हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले कॉरिडोर से जामनगर का व्यापार-कारोबार उत्तर भारत के साथ जुड़ेगा और जामनगर की वैश्विक पहचान और भी मजबूत बनेगी।
श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जामनगर को 1448 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भूपेंद्र-नरेन्द्र की डबल इंजन सरकार ने गुजरात में बुनियादी ढांचा विकास के साथ किसानों के कल्याण के लिए अविरत गति से विकास के कार्य किए हैं।
उन्होंने कहा कि आज मां नर्मदा स्वयं परिक्रमा कर आशीर्वाद दे रही हैं। सौराष्ट्र नर्मदा जल अवतरण सिंचाई योजना (सौनी योजना) से सौराष्ट्र क्षेत्र की तस्वीर बदल गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को आज उनकी उपज का पूरा मूल्य मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने रोड-शो के दौरान माताओं-बहनों के आशीर्वाद का ऋण स्वीकार किया और ‘छोटी काशी’ कहे जाने वाले जामनगर में मिले आतिथ्य और सत्कार से भरूच से जामनगर तक के क्षेत्र को समृद्ध बनाने का संकल्प व्यक्त किया।
श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में आज जामनगर में शुरू किए गए आठ प्रकल्पों की जानकारी दी। उन्होंने जामनगर वासियों को हाल ही में भुजिया डुंगर में निर्मित ‘स्मृति वन’ देखने जाने की हिमायत की, जहां विनाशकारी भूकंप में अपनी जान गंवाने वाले जामनगर वासियों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्मारकों के समकक्ष निर्मित यह स्मृति वन गुजरात की स्वाभिमानी जनता के गौरवपूर्ण अभिमान का प्रतीक है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जामनगर के तत्कालीन राजा श्री जाम दिग्विजय सिंह जी द्वारा पोलैंड के नागरिकों को आश्रय दिए जाने का गर्व के साथ उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के युद्ध में भारतीय नागरिकों को फंसे भारतीय नागरिकों को पोलैंड की धरती से सुरक्षित भारत वापस भेजने की शुभ भावना के लिए पोलैंड सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और जामनगर के पूर्व राजपरिवार के मौजूदा राजा श्री शत्रुशल्यजी महाराज की दीर्घायु के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में निरस्त किए गए 2000 से अधिक कानूनों के संबंध में कहा कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की नीति को समर्पित सरकार ने व्यापारी जगत की मदद के लिए यह कदम उठाया है, जिससे गुजरात की स्वाभिमानी जनता को बड़ा फायदा होगा। उन्होंने लोगों से ऐसे कानूनों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने का अनुरोध किया, जो मौजुदा समय में प्रासंगिक नहीं हैं।
उन्होंने देश को 250 सालों तक गुलाम बनाकर रखने वाले ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेलकर भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय स्थिरता एवं मजबूती के साथ आगे बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था तथा देश के श्रमिकों, व्यापारियों और किसानों को दिया।