ऊंट के आंसूओं की भी कीमत है करोड़ो रूपए, जहरीले सांपों के जहर को भी देता है मात…

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अक्टूबर। रेगिस्तान का जहाज कहा जाने वाला ऊंट कैसे इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी सर्वाईव कर लेता है। यह बात रिसर्चर्स को हमेशा से हैरान करती है। कि ऊंट की शारीरिक बनावट, गुणों से लेकर उसके बनने वाले उत्पाद पर भी रिसर्च के शानदार नतीजे आए हैं।
आपको बता दें कि ऊटनी के दूध की मार्केट में काफी डिमांड होती है। देश से लेकर विदेशों तक सभी जगह ऊटनी का दूध काफी मंहगें दाम में बिकता है। ऊंट का दूध इंसानों के लिए बड़ा फायदेमंद बताया जाता है।

UAE, अमेरिका और भारत में ऊंट के आंसुओं पर रिसर्च से पता चला है कि ऊंट के आंसुओं में कई प्रकार के प्रोटींन्स पाए जाते हैं रिसर्चर्स के मुताबिक ऊंट के आंसुओं से सांप के जहर का एंटीडोट बनाया जा सकता है।

वहीं लिवरपूल स्‍कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में स्‍नेकबाइक रिसर्च के प्रमुख प्रफेसर रॉबर्ट हैरिसन के मुताबिक अफ्रीका और एशिया में पूरी दुनिया के सबसे जहरीले सांप पाए जाते हैं कि इससे जहर का एंटीडोट बनाया जा सकता है।

अभी केवल 250 जहरीले सांपों का एंटीडोट उपलब्‍ध
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में अभी मुश्किल से 250 तरह के जहरीले सांपों का एंटीडोट उपलब्‍ध है, और ऊंट की एंटीबॉडीज का उपयेग कर दुनिया के सबसे जहरीलें सांपों के जहर की काट तैयार हो सकता है।

इसका एक और फायदा है कि कोई भी एंटीटोड को स्टोर करने के लिए कोल्ड स्टोर की आवश्यकता नही होगी, क्यों कि ऊंटों के पास गर्मी को झेलने की शक्ति होती है। अगर यह एंटीटोड में पाया गया तो उसे स्टोर करने के लिए केल्ड चेन की आवश्यकता नही हैगी।

ऊंट के आंसुओं पर गल्‍फ कंट्रीज में चल रही रिसर्च
सऊदी अरब और UAE की कई यूनिवर्सिटीज में ऊंट के आंसुओं पर शोध हो रहा है। इसका उद्देश्य सोग्रेन सिंड्रोम नाम की ऑटोइम्‍यून डिसीज का इजाल पाना है। जो कि आंखों की आंसू बनाने की शक्ति को खत्म कर देती है। इससे वायरल इन्‍फेक्‍शंस से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।

बता दें कि ऊंट दुनिया की कठोर जलवायु में रहते हैं, और रेत से बचने के लिए ऊंट की आंखों में खास सुरक्षात्मक प्रणाली होती है। इनको कभी आंख की बिमारी नही होती है। ऊंट के आंसू उनकी आंखों को नमी पहुचाते हैं बल्कि होने वाले इन्फेक्शन से भी बचाते हैं।

इंसान के आंसुओं से अलग होते हैं ऊंट के आंसू
आपको बता दें कि रिसर्च से पता चला है कि ऊंट के आंसुओं के तीन लेयर होते हैं। आउटर लेयर लिपिड्स से बनती है जो कि आंसुओं को सूखने से रोकती है। मिडल लेयर में प्रोटीन्स होती है, और इन लेयर में कार्बोहािड्रेड होते हैं।

इंसान के आंसू का मॉडल भी कुछ ऐसा ही होता है। मगर मॉलिक्‍यूल फॉर्मेशंस और प्रोटीन्‍स अलग-अलग होते हैं। ऊंट के आंसूओं की खासियत यह है कि यह आंखों में आने वाले किसी भी ऑब्‍जेक्‍ट को तोड़ सकते हैं।

इनकी आखों में बीमारी दूसरे इनफेक्शन की अपेक्षा कम होती है। इनके आंसू में लाइसोजाइम्‍स होते हैं जो कि वायरसों और कीड़ों को रोकते हैं। इंसान के पास एक मॉलिक्यूलर साइज में होते हैं जबकि ऊंट में दो तरह के होते हैं इसलिए ये आंसू खास होते हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.