सीबीआई को पालघर मॉब लिंचिंग केस की रिपोर्ट सौंपने को तैयार महाराष्ट्र सरकार, मंत्री राणे बोले-सच्चाई सामने आनी चाहिए
समग्र समाचार सेवा
मुबई, 12अक्टूबर। महाराष्ट्र सरकार ने अपने रुख में बदलाव लाते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह अप्रैल 2020 में पालघर जिले में दो संतों सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने के लिए तैयार है.
वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने महाराष्ट्र सरकार पर 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने पर कहा, मामले की जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए.
The matter should be investigated and the truth should come out: Union minister & BJP leader Narayan Rane on Maharashtra govt transferring probe in 2020 Palghar mob lynching case to CBI pic.twitter.com/LGE6QYdiXH
— ANI (@ANI) October 11, 2022
इससे पहले, राज्य सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस घटना में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किया है. राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी.
महाराष्ट्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा, याचिकाकर्ताओं ने जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है, उनके अनुसार, मामले में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच के लिए यह अनिवार्य है … महाराष्ट्र राज्य मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है और उसे इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं होगी.”
राज्य सरकार ने यह हलफनामा श्री पंच दशाबन जूना अखाड़ा के साधुओं और पीड़ित संतों के रिश्तेदारों सहित विभिन्न याचिकाओं के जवाब में दायर किया था. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की जा रही है. अन्य याचिकाएं वकीलों शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर की गई हैं.
बता दें कि कोविड-19 महामारी पर काबू के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पिछले साल 16 अप्रैल की रात की इस घटना में मुंबई के कांदिवली के तीन व्यक्ति गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कार से यात्रा कर रहे थे. रास्ते में उनकी कार को रोक लिया गया और उन पर हमला किया गया. आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने उनकी कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी. मृतकों में दो संत और एक उनकी कार का चालक था.