समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14अक्टूबर। पहली बार 56 हजार आकाशगंगाओं का नक्शा बनाया गया है. इस नक्शे में हमारी आकाशगंगा एक छोटे से बिंदु की तरह दिखती है. असल में इनके बीच दूरी इतनी ज्यादा है कि एक नक्शे में उतारने के लिए सभी गैलेक्सीज़ को बिंदु की तरह ही दिखाया गया है. इस नक्शे से यह पता चला है कि हमारा ब्रह्मांड यानी अंतरिक्ष तेजी से चारों तरफ फैल रहा है. अब वैज्ञानिकों को नए ग्रहों, सुपरनोवा, ब्लैक होल्स, एलियन दुनिया और जीवन की खोज आसान हो जाएगी.
माना जाता है कि ब्रह्मांड 13.8 बिलियन साल पुराना है. यानी 1380 करोड़ साल पुराना लेकिन मेथुसेलाह तारा इससे भी पुराना है. इसलिए ब्रह्मांड की सही उम्र और आकार का पता लगा पाना मुश्किल है. अंतरिक्ष की लंबाई-चौड़ाई नापने के लिए वैज्ञानिक हबल कॉन्सटैंट को यूनिट की तरह लेते हैं. यानी हर मेगापारसेक के लिए करीब 75 किलोमीटर प्रतिसेकेंड. साधारण भाषा में कहें तो 32.6 लाख प्रकाश वर्ष. लेकिन नापने के और भी तरीके मौजूद हैं, इसलिए अंतरिक्ष के सही आकार का अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है.
56 हजार आकाशगंगाओं के नए नक्शे का नाम है कॉस्मिकफ्लोज़-4. इस नक्शे से 75 किलोमीटर प्रतिसेकेंड की गति वाला फॉर्मूला पुख्ता होता है. वैज्ञानिक अंतरिक्ष की दूरियों के नापने के लिए आठ तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. जिनमें से दो तरीके नए हैं. बाकी छह पुरानी स्टडीज से बनाए गए हैं. इन तरीकों की जब तुलना की जाती है तब वैज्ञानिक ज्यादा सटीक नक्शा बना पाते हैं. यानी सभी तरीकों के फॉर्मूले को मिलाकर निकाले गए तरीके से बनाया गया नया नक्शा।।