वोटर्स को मुफ्त में खाना खिलाना भी क्राइम! चुनाव आयोग ने नियमों में किए कई बदलाव

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21अक्टूबर। चुनाव आयोग नियमों में बड़े बदलावों की तैयारियां कर रहा है जिसका मतलब अब चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक दलों को वोटर्स को लुभाना और भी मुश्किल होने जा रहा है। चुनाव आयोग नियमों में बड़े बदलावों की तैयारियां कर रहा है। अब मतदान से पहले रेस्टोरेंट में फ्री खाना और शराब वितरण कराने के प्रतिबंध को 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे किया जा सकता है। चुनाव आचार संहित में राज्य के वह सभी लोग शामिल होंगे जो 18 साल से ऊपर के हैं। अगर उनका नाम मतदाता सूची में नहीं भी जुड़ा है तब भी उन्हें आचार संहिता के नियमों के पालन करना अनिवार्य होगा।

एक राष्ट्रीय अखबार ने यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है। इसके अनुसार सूत्रों का कहना है कि आम तौर पर निर्वाचक मंडल को फ्री भोजन, शराब और कैश देने की कोशिश प्रत्याशी करते हैं। इसी के चलते चुनाव आयोग अब रेस्टोरेंट में फ्री खाना खिलाने को भी प्रतिबंधित आचरणों में रख रहा है। ऐसा पहली बार है जब चुनाव आयोग ने केवल खाना खिलाने को भी प्रतिबंधित आचरण में रखा है।

चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद अगर राजनीतिक दल, प्रत्याशी या उनके कार्यकर्ता किसी भी मतदाता को लुभाने के लिए उसे फ्री में भोजन कराते हैं तो यह आचार संहित का उल्लंघन माना जाएगा। इस पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करेगा। इसके अलावा शराब पिलाने के नियम में भी बदलाव किया जा सकता है। जिसमें 48 घंटे के प्रतिबंध को 72 घंटे किया जा सकता है।

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