सहयोगात्मक अनुसंधान और स्टार्ट-अप पारितंत्र सामाजिक भलाई के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति का उपयोग करके बेहतर साझा भविष्य की ओर ले जाएगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

मंत्री ने ऑनलाइन माध्यम से भारत-स्वीडन नवाचार दिवस के 9वें संस्करण को संबोधित किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28अक्टूबर। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारतीय-स्वीडिश कंपनियों को दोनों देशों की स्टार्ट-अप कंपनियों की सहायता करनी चाहिए और सहयोगात्मक अनुसंधान और मानव संसाधन का आदान-प्रदान करना चाहिए।

वर्चुअल मोड के माध्यम से भारत-स्वीडन नवाचार दिवस के 9वें संस्करण को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सहयोगात्मक अनुसंधान और संयुक्त स्टार्टअप पारितंत्र सामाजिक भलाई के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति का उपयोग करके एक बेहतर साझा भविष्य बनाने में मदद करेगा।
भारत और स्वीडन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, नर्सिंग या देखभाल में सुधार की महत्वपूर्ण क्षमता वाली संयुक्त परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2020 में, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत सरकार और विनोवा, स्वीडन सरकार ने नए समाधान तैयार करने के उद्देश्य से परियोजनाओं को लागू करने के लिए अनुदान की घोषणा की, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा सहायता प्राप्त है, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार की महत्वपूर्ण क्षमता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि अप्रैल 2019 में, भारत और स्वीडन ने भारत-स्वीडन सहयोगात्मक औद्योगिक अनुसंधान और विकास कार्यक्रम की घोषणा की थी। भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और स्वीडन की इनोवेशन एजेंसी – विनोवा द्वारा सह-वित्त पोषित संयुक्त कार्यक्रम स्मार्ट शहरों और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों तथा डिजिटलीकरण / इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वीडन और भारत की विश्व स्तरीय उत्कृष्टता को एक साथ लाता है।

मंत्री को यह जानकर भी खुशी हुई कि स्वीडिश ऊर्जा एजेंसी ने भारत के साथ अनुसंधान और नवाचार सहयोग के लिए 4 वर्षों में अतिरिक्त 25 मिलियन निर्धारित किए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि अप्रैल 2018 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वीडन यात्रा के दौरान, भारत एक सतत भविष्य के लिए नवाचार साझेदारी पर संयुक्त घोषणा के माध्यम से सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुआ था। उन्होंने कहा, साझेदारी का उद्देश्य नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय सहयोग के प्रभाव को बढ़ाना है और यह दोनों देशों की बहु-हितधारक / एजेंसी की भागीदारी के साथ बहु-क्षेत्रीय मुद्दों पर नवाचार-संचालित चुनौतियों सहित सामाजिक चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटने के लिए भविष्य के सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार करता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने रेखांकित किया कि साझेदारी में स्मार्ट सिटी, परिवहन और ई-मोबिलिटी, ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकियां, नई सामग्री, अंतरिक्ष, परिपत्र और जैव-आधारित अर्थव्यवस्था, और स्वास्थ्य तथा जीवन विज्ञान सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है। भारत-स्वीडन नवाचार साझेदारी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास उद्योगों और रचनात्मक उद्यमियों को जोड़ती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों के साथ अपने विचार साझा किए और कहा, भारत हाल के वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने समग्र प्रदर्शन और परिणाम के मामले में अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है और इसने प्रकाशनों की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। मंत्री ने कहा कि एससीआई पत्रिकाओं में प्रकाशनों की भारत की वृद्धि दर वैश्विक औसत 4 प्रतिशत के मुकाबले लगभग 14 प्रतिशत है और भारत ने दायर पेटेंट की संख्या में 10वां स्थान प्राप्त किया है।

अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी समान विचारधारा और निष्पक्ष व्यापार और वैश्वीकरण के प्रति प्रतिबद्धता के बल पर द्विपक्षीय राजनयिक संबंध फले-फूले हैं और कहा कि भारत और स्वीडन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नवाचार सहयोग सबसे तेजी से बढ़ता तत्व है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वीडन की उप-प्रधानमंत्री और व्यापार एवं ऊर्जा मंत्री, सुश्री एब्बा बुश को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया और स्वीडन में भारतीय दूतावास, स्वीडिश गवर्नमेंट एजेंसी फॉर इनोवेशन सिस्टम्स (विनोवा), स्वीडिश फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन रिसर्च एंड हायर एजुकेशन, अतिथि वक्ताओं, उद्योग भागीदारों और प्रतिभागियों को भी इसे सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

विनोवा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग के प्रमुख डॉ. फ्रेड्रिक होर्स्टेड, एसआईएसपी स्वीडिश इनक्यूबेटर एंड साइंस पार्क्स के अंतर्राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधक श्री उल्फ बोरबोस, स्टिंट के कार्यकारी निदेशक डॉ. एंड्रियास गोथेनबर्ग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग में वैज्ञानिक डॉ. ज्योति शर्मा और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में सामरिक गठबंधन प्रभाग की निदेशक डॉ. सपना पोटी ने भारत स्वीडन नवाचार दिवस कार्यक्रम में भाग लिया।

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