मोरबी पुल हादसें में अब तक 140 की मौत, करीब 50 लोग लापता, सीएम भूपेंद्र पटेल ने की समीक्षा बैठक

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समग्र समाचार सेवा
मोरबी, 31अक्टूबऱ। गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर रविवार 30 अक्टूबर को शाम करीब 6.30 बजे मच्छू नदी पर बना केबल पुल टूट गया। हादसे के वक्त पुल पर 300 से अधिक लोग मौजूद थे। 233 मीटर लंबा यह पुल करीब सौ वर्ष पुराना था। हादसे में अब तक 140 लोगों के मरने की आशंका है। जिनमें अधिकांश महिलाएं एवं बच्चे हैं। करीब 50 लोग लापता हैं और लगभग 170 लोगों को बचा लिया गया है। इस घटना के बाद वहां के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी सामने आए हैं तो वहीं राजनीति भी उफान पर है।

इस हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की जान चली गई। हादसे के कुछ वीडियोज भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें लोग टूटे पुल से ऊपर चढ़ते दिख रहे हैं। हादसे के पीछे पुल पर भारी भीड़ के अलावा कुछ शरारती युवकों द्वारा जानबूझकर उसे हिलाना माना जा रहा है।

बता दें कि मोरबी में केबल ब्रिज लगभग 150 साल पुराना और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। करीब 7 महीने के लिए इस पुल को नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था। यह हाल ही में पांच दिन पहले 26 अक्टूबर को दोबारा खोला गया था। बता दें कि पुल तक पहुंचने के लिए 17 रुपये का टिकट भी था।

गुजरात के सीएम ने ट्वीट किया कि मोरबी जिला कलेक्टर कार्यालय में राज्य मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, प्रशासनिक व्यवस्था, पुलिस व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई. दुर्घटना की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई और आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया.

गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि मोरबी केबल ब्रिज ढहने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने बचाव अभियान चलाने के लिए व्यापक समर्थन दिया है. एसडीआरएफ और पुलिस पहले से ही मौके पर मौजूद है. पुल की प्रबंधन टीम पर आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है. गुजरात सरकार ने मोरबी केबल सस्पेंशन ब्रिज हादसे की जांच के लिए 5 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है. राज्य के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा कि करीब 60 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं.

घटना से जुड़ी महत्वपुर्ण बातें

अधिकारियों ने बताया कि व्यापक मरम्मत और रिनोवेशन के बाद 4 दिन पहले ही पुल फिर से खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे ढह जाने के समय लोगों से खचाखच भरा था।

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने राज्य की राजधानी से करीब 300 किलोमीटर दूर मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि इस त्रासदी में कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई है। अपुष्ट रिपोर्टों ने मरने वालों की संख्या 80 से अधिक बताई। हालांकि सोमवार(31अक्टूबर) को यह आंकड़ा 140 के करीब बताया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ब्रिटिश काल के हैंगिंग ब्रिज पर कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह नीचे पानी में गिर गया।

एक चश्मदीद ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि भारी भीड़ के कारण पुल गिर गया हो। उन्होंने बताया कि पुल गिरने पर लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े।

स्थानीय अस्पताल में लोगों ने भीड़ को रोकने के लिए एक ह्यूमन चेन बनाई और एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ रखा, जिससे बचाए गए लोगों को लाया गया। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि पुल ढहने के मामले में धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (जानबूझकर मौत का कारण बनना) और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होना) के तहत FIR दर्ज की गई है, जो भी जिम्मेदार पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। संघवी ने कहा कि पुल ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य सीनियर आफिसर शामिल हैं।

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