एक बार जरूर पढें- घड़ी में तीन सुईयां

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प्रस्तुति -कुमार राकेश।
घड़ी में तीन सुईयां होती है जिस में एक सुई,
सेकेंड वाली सुई के नाम से मशहूर है।
यह सेकेंड वाली सुई अपना वजूद तो रखती है पर इसका ज़िक्र नहीं किया जाता।

सब यही कहते हैं दस बज कर पंद्रह मिनट हो गए हैं।

कभी किसी ने यूँ नहीं कहा दस बजकर पंद्रह मिनट और चार सेकेंड हुए हैं।

जबकि यह सेकेंड वाली सुई दोनों से ज़्यादा मेहनत व मशक्कत करती है और उन दोनों को आगे बढ़ने में मदद करती है।

हमारी ज़िन्दगी में बहुत से लोग इसी सेकेंड वाली सुई के मानिन्द होते हैं जिनका ज़िक्र तो कहीं नहीं होता लेकिन हमारे आगे बढ़ने में इनका किरदार ज़रुर होता है…!!!!🌹😍🕉🇮🇳🙏

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