पांच राज्यों में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान, यहां जानें कब कहां होगी वोटिंग

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5नवंबर। चुनाव आयोग ने शनिवार को ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पांच विधानसभा सीटों और उत्तर प्रदेश में एक संसदीय सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा की. आयोग के कार्यक्रम के अनुसार उपचुनाव 5 दिसंबर को होंगे और नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. विधानसभा की सीटें पदमपुर (ओडिशा), सरदारशहर (राजस्थान), कुरहनी (बिहार), भानुप्रतापपुर (छ.ग.) और रामपुर (उत्तर प्रदेश) हैं जहां उपचुनाव होने हैं.

संसदीय सीट मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) है जो मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है. पोल पैनल के मुताबिक इन उपचुनावों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 नवंबर है. 18 नवंबर को नामांकनों की जांच की जाएगी, जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 21 नवंबर है.

पांच राज्यों में उपचुनाव को लेकर 10 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। उम्मीदवारों के नोमिनेशन की आखिरी तारीख 17 नवंबर है। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 18 नवंबर को की जाएगी जबकि कैंडिडेट अपना नामाकंन 21 नवंबर तक वापस ले सकेंगे। इसके साथ ही नतीजे 8 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों के साथ जारी होंगे।

उल्लेखनीय है कि हिमाचल और गुजरात में विधानसभा के लिए चुनाव होने है। गुजरात में दो चरणों (1-5 दिसंबर) में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में 89 सीटों पर तो दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। वहीं हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होगी।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट
आयोग ने निर्णय किया है कि इन उपचुनावों के सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जायेगा। ईवीएम और वीवीपैट की समुचित संख्या उपलब्ध कराई गई है तथा इन मशीनों की सहायता से निर्बाध मतदान सुनिश्चित करने के सभी कदम उठाये गये हैं।

मतदाताओं की पहचान
चुनाव फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्य दस्तावेज होगा। बहरहाल, नीचे दिये गये किसी भी पहचान दस्तावेज को मतदान केंद्र पर दिखाया जा सकता हैः

आधार कार्ड,
मनरेगा जॉब कार्ड,
बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो वाली पासबुक,
श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
ड्राइविंग लाइसेंस
पैन कार्ड
एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी कार्ड
भारतीय पासपोर्ट
फोटो लगा पेंशन दस्तावेज
केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटो लगा सेवा पहचान-पत्र, तथा
सांसदों/विधानसभाओं/विधान परिषदों के सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान-पत्र
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी विशिष्ट दिव्यांगता पहचान-पत्र।
आदर्श आचार संहिता
आदर्श आचार संहिता तुरंत प्रभाव से उन जिलों में लागू हो जायेगी, जहां पूरे जिले में या किसी संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव होने जा रहा है। यह उस आंशिक संशोधन के अधीन है, जिसे आयोग ने अपने निर्देश सं. 437/6/1एनएसटी/2016-सीसीएस, तिथि 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत जारी किया है।

आपराधिक पृष्ठिभूमि के बारे में सूचना
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के लिये जरूरी है कि वे इस सम्बंध में अखबारों में सूचना प्रकाशित करें और टेलीविजन चैनलों के जरिये यह जानकारी दें। यह जानकारी प्रचार अवधि के दौरान तीन अवसरों पर दी जानी है। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को उतारने वाले राजनीतिक दल को भी अपने प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होगी। यह जानकारी तीन अवसरों पर वेबसाइट, समाचारपत्र और टेलीविजन चैनलों के जरिये दी जानी है।

आयोग ने अपने प्रपत्र सं. 3/4/2019/एसडीआर/वॉल. IV तिथि 16 सितंबर, 2020 द्वारा निर्देशित किया है कि समय का निर्धारण तीन कालखंडों के आधार पर किया जायेगा, ताकि मतदाताओं के पास ऐसे प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि को जानने का पर्याप्त समय रहेः

नाम वापस लेने के पहले चार दिनों के भीतर।
अगले पांचवें-आठवें दिन।
नौवें दिन से प्रचार के अंतिम दिन तक (मतदान के पूर्व के दूसरे दिन तक)
(उदाहरणः यदि नाम वापस लेने की अंतिम तिथि महीने का दसवां दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन होना है, तो इस घोषणा के प्रकाशन का पहला कालखंड उस महीने के 11वें और 14वें दिन के बीच होगा। दूसरा और तीसरा कालखंड क्रमशः महीने के 15वें और 18वें तथा 19वें और 20वें दिन के बीच होगा।)

यह जानकारी देना माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका (सी) सं. 784/2015 (लोक प्रहरी बनाम भारत सरकार एवं अन्य) तथा याचिका (दीवानी) सं. 536/2011 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत सरकार एवं अन्य) पर दिये गये फैसलों के आधार पर बाध्यकारी है।

यह सूचना ऐप ‘नो यूअर कैंडिडेट’ पर भी उपलब्ध रहेगी।

उपचुनाव के दौरान कोविड सम्बंधी प्रबंध
देशभर में कोविड सम्बंधी परिस्थितियों में सुधार को देखते हुये तथा एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के तहत नियंत्रकारी उपायों को वापस लेने के मद्देनजर, यह तय किया गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी सलाह का पालन किया जायेगा। उपचुनाव की प्रक्रिया के दौरान, पांच सूत्री रणनीति पर अमल किया जायेगा, यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन और कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन। जिला प्रशासन को कोविड की स्थिति की कड़ी निगरानी करनी होगी तथा आवश्यक कानूनी/प्रशासनिक नियमों के तहत कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कराना होगा।

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