समग्र समाचार सेवा
चेन्नई, 5नवंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने छह नवंबर को होने वाले अपने निर्धारित मार्च और अन्य कार्यक्रमों को स्थगित करने और मद्रास उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है जिसमें शर्तों के साथ कार्यक्रमों की अनुमति दी गई है।
संघ के एक सूत्र ने शनिवार को पुष्टि की कि संगठन ने रूट मार्च और जनसभाओं को स्थगित करने का फैसला किया है, जिन्हें उच्च न्यायालय ने पूरे तमिलनाडु में 44 स्थानों पर आयोजित करने की अनुमति दी थी, जबकि आरएसएस 50 जगहों पर चाहता था।
तमिलनाडु के परमीशन ना मिलने पर आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था। पुलिस ने महज तीन जगहों पर मार्च करने की अनुमति दी थी बाकी 23 जगहों में जनसभा करने की उम्मीद तभी दी जाएगी जब इनडोर सभाएं स्टेडियम के अंदर करने का वादा किया जाएगा। फिलहाल आरएसएस की मद्रास कोर्ट में अपील के बाद शुक्रवार को बड़ी राहत मिली और 50 में से 44 स्थानों पर रूट मार्च करने की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को परमीशन दे दी।
न्यायमूर्ति जी के इलांथिरैयन की एकल पीठ ने शुक्रवार को आरएसएस को कुछ शर्तों के साथ तमिलनाडु में छह नवंबर को रूट मार्च निकालने और 44 स्थानों पर जनसभाएं करने की अनुमति दी थी।
उनमें से एक ने निर्धारित किया कि जुलूस और जनसभाएं मैदान या स्टेडियम जैसे परिसर में आयोजित की जानी चाहिए।
आरएसएस ने 50 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अदालत की मंजूरी मांगी थी। अन्य बातों के अलावा, न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी कार्यक्रम के दौरान न तो गीत गाएगा और न ही किसी व्यक्ति, जाति और धर्म के बारे में बुरा बोलेगा।
वे किसी भी कारण से केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठनों के पक्ष में कुछ भी बात या व्यक्त नहीं करेंगे। उन्हें देश की संप्रभुता और अखंडता को भंग करने वाले किसी भी कार्य में शामिल नहीं होना चाहिए।