बेंगलुरु कोर्ट ने कांग्रेस-भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल पर लगाई रोक, जानें क्या है मामला

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समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 8नवंबर। बेंगलुरु की एक अदालत ने म्यूजिक कॉपीराइट मामले में कार्रवाई करते हुए कांग्रेस और उसके आंदोलन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के ट्विटर हैंडल को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एमआरटी म्यूजिक द्वारा दायर की गई याचिका पर दिया है। आदेश देते हुए अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया पेश किए गए सबूतों के बाद भी अगर साउंड रिकॉर्ड के कथित अवैध उपयोग को प्रोत्साहित किया गया, तो वादी को नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे बड़े पैमाने पर कॉपीराइट उल्लंघन को बढ़ावा मिलेगा।

बेंगलुरू की अदालत द्वारा दिए गए आदेश को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने अपने आधिकारित ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया कि हमने सोशल मीडिया पर INC और BJY SM हैंडल के खिलाफ बेंगलुरु की एक अदालत के एक आदेश के बारे में पढ़ा है। हमें अदालत की कार्यवाही में न तो अवगत कराया गया और न ही उपस्थित किया गया। साथ ही आदेश की कोई प्रति भी प्राप्त नहीं हुई है। हम इस संबंध में सभी कानूनी उपायों का अनुसरण कर रहे हैं।

क्या है मामला?
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। राहुल गांधी इन दिनों अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। इस यात्रा के प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए कई वीडियोज बनाए गए। इनमें कांग्रेस ने सुपरस्टार यश की फिल्म ‘केजीएफ’ के म्यूजिक का इस्तेमाल किया है, जिसकी वजह से केजीएफ चैप्टर 2 फेम एमआरटी म्यूजिक ने कॉपीराइट एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी। एमआरटी म्यूजिक की शिकायत के आधार पर यशवंतपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज इस एफआईआर में राहुल गांधी, जयराम रमेश और सुप्रिया श्रीनेत का नाम है।

शिकायत में किया गया यह दावा
म्यूजिक लेबल की ओर से दावा किया जा रहा है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए जो मार्केटिंग वीडियोज तैयार किए हैं, उसमें उन्होंने फिल्म के गानों का इस्तेमाल किया है। हालांकि, ऐसा करने के लिए कांग्रेस की तरफ से एमआरटी म्यूजिक की अनुमति/लाइसेंस नहीं मांगा गया था।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुई एफआईआर
पार्टी और कांग्रेस के तीनों नेताओं के खिलाफ धारा 403 (संपत्ति का बेईमानी से हेराफेरी), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 120 धारा 403, 465 और 120बी आर/डब्ल्यू धारा 34 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत और धारा 63 कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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