शराबबंदी वाले राज्य के सरकारी स्कूल में धड़ल्ले से हो रही शराब की बिक्री, स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने विद्या के मंदिर को बनाया मयखाना

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समग्र समाचार सेवा
दरभंगा, 18नवंबर। शराबबंदी वाले राज्य में शराब का बिकना भी जैसे आम बात हो गया है। जी हां हम बात कर रहे है बिहार राज्य की जहां शराब बैन होने के बाद भी पहले तो जहरीली शराब से लोंगों की मौतो की बात सामने आती है और अब तो शराब की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि विद्या के मंदिर यानि विद्यालय को भी नही बख्शा गया है।

जहां एक तरफ राज्य के अधिकारियों ने शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर जहां कई कठोर नियम बनाए है वही उसी राज्य में सरकार के कर्मी और सरकारी भवन में मयखाना खोल दिया गया है।

बिहार के दरभंगा से ऐसा ही एक मामला आया है जहां के सरकारी स्कूल को मयखाना बना दिया गया था. इस स्कूल के एक तल्ले पर जहां बच्चे पढ़ते थे तो दूसरे तल्ले पर शराबियों के पीने और सोने की व्यवस्था थी. जांच हुई तो मामला सामने आया है स्कूल परिसर में ही शराब पीते दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.

खास बात ये है कि मयखाना बने इस स्कूल में केवल शराब ही नहीं बल्कि बिस्तर का भी इंतजाम था. साथ में कमरे में शराब, सिगरेट, माचिस, सब बरामद किया गया. देखने से ऐसा लग रहा था कि इसे पूरा मयखाना बना दिया गया हो. खाने पीने और फिर आराम करने की भी पूर्ण व्यवस्था स्कूल के दो मंजिला भवन के ऊपरी तले पर किया गया था और नीचे क्लास चलाया जा रहा था. मामला का खुलासा होता भी नहीं अगर औचक निरीक्षण में वरीय उपसमाहर्ता पुष्पित झा मनीगाछी प्रखंड के प्राथमिक स्कूल मकराना मुसहरी टोला नहीं पहुंचतीं.

स्कूल में अचानक से पहुंचने के बाद उन्होंने स्कूली छात्राओं से बात की और इसके बाद स्कूल के भवन का निरीक्षण किया. इस दौरान दो कमरे में ही सभी क्लास संचालित होते देख उपसमाहर्ता पुष्पित झा ने पूछा कि दो मंजिला भवन है जब ऊपर कमरे है तो ऊपर क्यों नही बच्चे पढ़ते है. जब वो दूसरे मंजिल पर पहुंची और एक कमरा बंद दिखा जिसे खोलने को कहा लेकिन स्कूल की प्रधानाध्यापिका साजदा खातून आनाकानी करती दिखी तो अधिकारियों ने सख्ती कर कमरा खुलवाया जिसके बाद अंदर जो दिखा हैरान करने वाला था.

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