समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22नवंबर। कतर में फुटबॉल विश्व कप शुरू होने के अगले ही दिन ग्रुप स्टेज मैच में एक बड़ी घटना देखने को मिली. मैच के बाद मीडिया में इसके काफी चर्चे हुए. दरअसल, ईरानी फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों ने सोमवार को विश्व कप के अपने ग्रुप स्टेज मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अपने देश का राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. खिलाड़ियों ने ऐसा हिजाब के खिलाफ देश में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने और सरकार की तरफ से आंदोलनकारियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मैच से पहले ईरान के कप्तान अलिर्ज़ा जहानबख्श ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था कि उनकी टीम सोमवार को इंग्लैंड के खिलाफ मैच शुरू होने से पहले राष्ट्रगान गाएगी या नहीं.
#BREAKING: Iran national team players choose not to sing national anthem at World Cup match; some of the Iranian crowed booing their own national anthem pic.twitter.com/RYPvgHMNUi
— Amichai Stein (@AmichaiStein1) November 21, 2022
ईरान के खिलाड़ियों ने पहले भी देश में चल रहे प्रदर्शनों को समर्थन दिया है. इसी साल एक फ्रेंडली मैच के दौरान खिलाड़ियों ने देश के सिंबल को काली जैकेट के साथ कवर करके विरोध जताया था. जबकि कुछ खिलाड़ियों ने गोल दागने पर जश्न न मनाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया था.
बता दें कि जब से ईरान में हिजाब के विरोध में आंदोलन शुरू हुआ है तब से अन्य खेलों में भी ईरानी खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया है. इसी को देखते हुए मैच से पहले ईरानी फुटबॉल टीम के कप्तान जहानबख्श से राष्ट्रगान गाने को लेकर सवाल किया गया था. तब उन्होंने कहा था कि टीम ने इस मुद्दे पर चर्चा की है, लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की थी कि टीम ने क्या योजना बनाई है.
बता दें कि सितंबर 2022 में ईरानी पुलिस ने 22 वर्षीय महसा अमिनी को हिजाब न पहनने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. कुछ दिन बाद पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से पूरे देश में हिजाब के विरोध में आंदोलन शुरू हो गया. आज यह आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है. ईरानी सरकार आंदोलन दबाने के लिए तमाम सख्ती कर रही है. प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार जारी है, लेकिन फिर भी विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.