गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
मेरी आने वाली किताब खाकी के सबरंगे किस्से का नमूना।
*साहिब की गोरी – बहादुरगढ़ का थानेदार परेशान।
बात उन दिनों की है जब बहादुरगढ़ रोहतक जिले का हिस्सा था यानि झज्जर जिला नहीं बना था। बहदुरगढ़ का थानेदार काफी परेशान था। शाम को साहिब ने थाने के मुआयने के लिए आना था। वैसे उसका सारा रिकॉर्ड ठीक था। यही नहीं दो दिन पहले ही उसे गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया गया था। उसकी परेशानी थी साहिब की गौरी। सारे खबरचियों ने बहादुरगढ़ का चप्पा चप्पा छान मारा था लेकिन साहिब की गोरी का पता नहीं चल रहा था। साहिब की यानि एस. पी साहिब की गौरी का। असल में वायरलेस पर मैसेज आया की आज शाम को साहिब यानि एस पी साहिब बहादुरगढ़ आएंगे और गौरी के पास रुकेंगे। इधर साहिब के आने का समय हो रहा था और उधर गोरी का पता नहीं चल रहा था।
अब थानेदार साहिब की यह हिम्मत भी नहीं हो रही थी की वो एस. पी साहिब के रीडर से पूछ ले की साहिब की गौरी का पता क्या है ?अब थानेदार साहिब साहिब के रीडर को फ़ोन करने की हिम्मत बटोर ही रहे थे की उधर से रीडर साहिब का खुद फ़ोन आ गया की साहिब आज नहीं आ रहे और गौरैया में बुकिंग न करवाए। अब थानेदार साहिब की जान में जान आई। गौरैया यानी हरियाणा पर्यटन विभाग के पर्यटन केंद्र का नाम। असल में वायरलेस संदेश में गौरैया के बजाय गौरी लिखा गया जिससे हंगामा हो गया। बता दे की हरियाणा में पर्यटन केंद्रों के नाम पक्षियों पर है ।
*जिला परिषद के चुनाव परिणाम ,भाजपा के लिए खतरे की घंटी। वक्त है, संभल जाओ, वरना तुम्हारी दास्ताँ भी न होगी दास्तानों में।।
तहसीलों में करप्शन ,किसी संघ के नेता के आशीर्वाद से हरियाणा की जनता का खून चूस रही याशी कंपनी ,अवैध शराब का धंधा। सूची बहुत लम्बी है।
पता नहीं सी आई डी चीफ मनोहर लाल को सही हालत बताते है या नहीं ?या मनोहर लाल कबूतर द्वारा बिल्ली देखने पर आँख मिचने वाली बात कर रहे है।