गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

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गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

पवन कुमार बंसल।

 

मेरी शीध्र आने वाली किताब ‘खाकी के सबरंगे किस्से के अंश “

*जार्ज साहिब आप बढ़िया अफसर हो और ये कर्नल बड़ा ——–,भजन लाल। 
१९८२ के चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था लेकिन गवर्नर तपासे ने भजन लाल को शपथ दिला अपना बहुमत साबित करने को कह दिया था। कर्नल रामसिंह मोहिन्दरगढ़ जिले से आज़ाद जीते थे और वे देवीलाल का समर्थन कर रहे थे। जॉर्ज साहिब नारनौल में एस पी थे और उन्होंने कर्नल के खिलाफ फायरिंग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवा दिया था। बाद में भजन लाल ने कर्नल को पटा लिया और
कर्नल ने जॉर्ज के तबादले की शर्त रखी। बकौल जॉर्ज साहिब भजन लाल ने उन्हें चंडीगढ़ बुला कर कहा की आप अच्छे अफसर हो और ये कर्नल बड़ा… , आपका तबादला करना मेरी मजबूरी है। में हफ्ते बाद आपको जहा कहोंगे लगा दूंगा। जॉर्ज ने कहा की ये तो आप का बड़ापन है।जॉर्ज का तबादला इस कलम घसीट को सूत बैठ गया।
जॉर्ज का तबादला जींद कर दिया और में उन दिनों जींद में इंडियन एक्सप्रेस का रिपोर्टर था। हमारी दोस्ती हो गयी जो चालीस वर्ष बाद भी है। मुझे जॉर्ज जैसे ईमानदार अफसर का दोस्त होने पर गर्व है.

*हरियाणा महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और महिला सांसद हस्तक्षेप करे-
हरियाणा सरकार का एम बी बी एस छात्रों से बॉन्ड भरवाने का मामला घोर महिला विरोधी है। राष्ट्रीय महिला आयोग और महिला सांसदों को इस बारे मामला उठाना चाहिए। इस पोलिसी से लड़कियों को शादी में दिक्कत आएंगी।
हरियाणा महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और महिला सांसद हस्तक्षेप करे।
चौबीस वर्ष में एम बी बी एस करने के बाद यदि कोई लड़की हरियाणा से बाहर बेशक दिल्ली और चंडीगढ़ के लड़के से शादी करना चाहे तो या तो उसे बॉन्ड की अवधि पांच साल का इंजतजार करना पड़ेगा या बांड के तीस लाख जमा करवाना होंगे।
अब माँ बाप शादी में पैसा लगाए या बोंड के भुगतान में। या फिर महिला एम बी बी इस हरियाणा में ही शादी करे। शादी में इतनी देर होने से अच्छा रिश्ता मिलने में दिक्कत होती है। हर माँ बाप की इच्छा होती है की लड़की की शादी की जिमेवारी वो जल्द निर्वहन कर ले। बी मनोहर लाल के तो कोई लड़की है नहीं और वे माप बाप के दर्द को क्या समझेंगे।

*”गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘का असर। -सोशल मीडिया की भी भूमिका है।
बैप्टिस्ट चर्च भिवानी की दो सो करोड़ रुपया की जमींन फर्जी कागचो के आधार पर भिवानी तहसील में रजिस्टर करवाने के मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते भिवानी के तहसीलदार रविंद्र मालिक को ग्रिफ्तार कर लिया गया है। उनके और दस अन्यो के खिलाफ भिवानी में भारतीय दंड संहिता की धारा
१२०-बी ,४२०,४६७,४६८ और ४७१ के तहत सात अक्टूबर को मुकदमा दर्ज किया गया था। इससे पहले उन्हें मुअत्तल किया गया था। हरियाणा का एक ताकतवर मंत्री उसका बचाव कर रहा था।
मालिक ने अपने खिलाफ दर्ज केस को क्वैश करवाने के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है। भिवानी के ए एस पी हितेन्दर और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर राहुल नरवाल ने अपनी जांच में उनकी भूमिका संदिग्ध बताई थी। उकत मंत्री के दबाव में अब तक कार्रवाई नहीं हुई तह थी।
इस प्रकरण में भिवानी के एक फोरमर डिप्टी कमिश्नर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

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