गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: गुरुग्राम,फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम के चुनाव करवाने से क्यों बिदक रही है मनोहर सरकार ?
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: गुरुग्राम,फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम के चुनाव करवाने से क्यों बिदक रही है मनोहर सरकार ?
पवन कुमार बंसल।
गुरुग्राम,फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम के चुनाव करवाने से क्यों बिदक रही है मनोहर सरकार ?
क्या वोटर्स पर विश्वास नहीं ?अगर दिल्ली निगम में भाजपा को झटका लगा तो इसका असर यहाँ भी पड़ सकता है।
फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगम के चुनाव लटकाये जा रहे है। मानेसर अभी नया निगम बना है और वहा भी चुनाव होने है लेकिन सरकार कोई न कोई बहाना बनाकर चुनाव टाले जा रही है। नतीजा आधार कार्ड बनवाने ,डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट लेने और अन्य कामो के लिए अपने पार्षद से कोई मदद नहीं ले पा रहे है लोग क्योंकि उनकी शक्तियां खत्म हो चुकी है।
लोग परेशान। हर काम के लिए निगम के निकम्मे कर्मियों के चक्कर काट रहे है।
हर काम के लिए लोग नगर निगम के निकम्मे कर्मचारियों और बाबुओं पर निर्भर है। गुरुग्राम निगम के मेयर की सीट सामान्य श्रेणी की महिला के लिए आरक्षित है और मानेसर के मेयर की सीट सामान्य श्रेणी के पुरुष के लिए। फरीदाबाद की सीट महिला के लिए है।
भाजपा ने तैयारी शुरू की
वैसे भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है। मानेसर में मेयर पद के उमीदवार के चयन हेतु पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा और गुरुग्राम में उमीदवार के चयन के लिए पार्टी अध्यक्ष ओमपकाश धनकड़ की ड्यूटी लगाई है और टिकट के दावेदार इन नेताओं की गणेश परिक्रमा कर रहे है। गुरुग्राम में टिकट दिलाने में केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद इंदरजीत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वैसे वीटो पावर मनोहर लाल के पास है। मनोहर लाल की पसंद गार्गी ककड़ है लेकिन उसे जितने के लिए इंदरजीत का आशीर्वाद जरुरी है।
विवादों में रहे है गुरुग्राम और फरीदाबाद निगम।
गुरुग्राम और फरीदाबाद के निगम हमेशा विवादों में रहे है। फरीदाबाद निगम में फर्जी बिल बनाने की जांच विजिलेंस कर रहा है जिसमे चार आई ए एस अफसर जांच के घेरे में है। गुरुग्राम निगम में भी करप्शन का बोलबाला है। निगम की जमीनों पर कब्जे ,विज्ञापन के लिए साइट अलॉट करने न जाने कितने मामले है।
वैसे गुरुग्राम निगम में मेयर पद महिला के लिए आरक्षित करने का मामला भी विवादस्पद है क्योंकि निर्णय चंडीगढ़ में बैठे कर ले लिया गया।