समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10दिंसबर। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय देवता का स्थान दिया गया है और किसी भी मांगलिक कार्य से पहले इनकी पूजा अवश्य की जाती है. कहते हैं कि इससे सभी कार्य सफल होते हैं. वैसे तो गणेश जी का पूजन के लिए बुधवार का दिन समर्पित है लेकिन हर माह आने वाले चतुर्थी तिथि के दिन भी गणेश जी का पूजन किया जाता है, जिसे संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस बार पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुथी तिथि 11 दिसंबर 2022 को पड़ रही है जिसे ज्योतिष शास्त्र में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी नाम दिया गया है. आइए जानते हैं कि संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और महत्व.
हिंदू पंचांग के अनुसार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी तिथि 11 दिसंबर को 4 शाम बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानि 12 दिसंबर को शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. इस दिन चंद्रमा का विशेष महत्व होता है क्योंकि चंद्रमा का पूजन करने के बाद ही व्रत खोला जाता है. चंद्रोदय चतुर्थी तिथि के दिन 11 दिसंबर को रात 8 बजकर 1 मिनट पर होगा. इसलिए 11 दिसंबर को ही संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा.