समग्र समाचार सेवा
कीव, 11दिसंबर। यूक्रेन के बिजली उत्पादन प्रणाली पर रूसी ड्रोन हमलों के बाद यहां के कई शहर अंधेरे में डूब गए हैं। लेकिन इन शहरों में सबसे अधिक प्रभावित ओडेशा शहर है जहां 15 लाख से अधिक लोगों को मोमबत्ती जलाकर रात गुजारनी पड़ रही है। कंपकपाती ठंड में इस तरह से बिजली का गुल होना लोगों के लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी कर रहा है। बिजली के गुल होने से पानी की किल्लत के अलावा खाने-पीने की वस्तुओं का उत्पादन भी बंद हो गया है। कई लोगों को दूसरे शहरों से भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। कई लोगों का व्यवसाय में चौपट हो गया है। खासतौर पर घरों को गर्म करने के उपकरण किसी काम नहीं आ रहे और लोग ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। वहीं बिजली की किल्लत से लकड़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को एक वीडियो संबोधन में कहा कि यूक्रेन के दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में 15 लाख से अधिक लोग बिना बिजली के मुश्किल जिंदगी काट रहे हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि पैदा होने वाली बिजली की मात्रा में भारी कमी है और बिजली बहाल होने में कई दिन लग सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, रूसी ड्रोन हमलों ने शनिवार तड़के प्रमुख संचार लाइनों और उपकरणों को बाधित कर दिया। जो लोग पूरी तरह से बिजली पर निर्भर हैं उन्हें समस्या आ सकती है। प्रशासन ने कहा प्रारंभिक पूर्वानुमानों के अनुसार, ओडेसा क्षेत्र में ऊर्जा सुविधाओं को बहाल करने में पिछले हमलों की तुलना में अधिक समय लगेगा।
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा है कि ईरान और रूस के बीच संबंधों का विस्तार हो रहा है और देशों के बीच संबंध पूर्ण विकसित रक्षा साझेदारी में विकसित हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बीबीसी को बताया कि अमेरिका ने रिपोर्ट देखी है कि ईरान और रूस घातक ड्रोन के संयुक्त उत्पादन पर विचार कर रहे हैं। रहस्योद्घाटन के बाद यूक्रेन ने रूस पर 17 अक्टूबर को घातक हमलों में इस्तेमाल किए गए ‘कामिकेज ड्रोन’ का उपयोग करने का आरोप लगाया। हालांकि, तेहरान ने इनकार किया।