समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14दिसंबर। हाल ही में बीती 9 दिसम्बर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान कांग्रेस द्वारा किसानों को लेकर किया गया आक्रोश प्रदर्शन सफलता की नयी इबाबत लिख गया। किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा के आह्वान पर जंतर मंतर पर आक्रोश प्रदर्शन में देशभर से जुटे किसानों की ललकार ने सत्ताधारी केंंद्र सरकार के चूल्हे की जड़े हिला दीं। प्रदर्शन को असफल करने के लिए केंद्र और दिल्ली की आप सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से जुटकर भरसक प्रयास किया लेकिन श्री खैरा की एक आवाज पर दिल्ली की सड़के किसानमय हो गयीं। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के विधायक और किसान सैल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंतर मंतर से किसानों के पक्ष में ऐसा गरजे कि केंद्र सरकार की नींद उड़ गयी। इस प्रदर्शन में न केवल सीमावर्ती प्रदेश हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तराखण्ड से किसानों का जत्था पंहुचा बल्कि बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना एवं तमिलनाड़ू और जम्मू-कश्मीर जैसे दूर-दराज वाले प्रदेशों से भी सैंकड़ों की तादाद में किसान प्रदर्शन की आवाज बुलंद करने के लिए जंतर मंतर कार्यक्रम में शरीक हुए। हजारों की संख्या में उपस्थित किसानों को अपने संबोधन में सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि केंद्र सरकार की बुनियाद केवल झूठ पर टिकी हुई है। ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिसको इस सरकार ने ठगा नहीं हो। किसानों की आय दौगुनी करने का झांसा देकर सत्ता की चौखट पंहुचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले किसानों के हितों पर ही कुठाराघात किया है। कुछ समय पूर्व दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे ७०० किसान शहीद हो गए लेकिन सरकार के किसी भी नुमाइंदे के मुख से किसानों के लिए हमदर्दी में एक शब्द तक नहीं निकला। श्री खैरा ने सरकार पर गरजते हुए कहा कि तीन काले कानून वापसी कराकर किसानों ने देश को बचाने का काम किया है। तुगलकी फरमान वाली इस तानाशाही सरकार को घुटने के बल झुकाकर किसान ने जता दिया है कि वे सरकार की मनमर्जी के खिलाफ कभी भी खड़े हो सकते हैं। कार्यक्रम में शिरकत करने पंहुचे कांग्रेस के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी अपने औजस्वी भाषणों से सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के हितैषी होने का दावा करती है लेकिन सच मायने में यह सरकार किसानों के हितों को अपने पूंजीपति मित्रों की तिजोरी में गिरवी रखना चाहती है। लेकिन यह सरकार शायद भूल गयी है कि मेहनतकश किसान मजदूर अपने देश के भविष्य को चंद लोगों के हाथों की मुठ्ठी में हरगिज कैद नहीं होने देगा।
बहरहाल किसान कांग्रेस के इस अभूतपूर्व आक्रोश प्रदर्शन से सरकार की नींद तो उड़ी हुई है ही साथ में कार्यक्रम के आयोजक सुखपाल सिंह खैरा का कद कांग्रेस पार्टी में और निखरकर आया है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान श्री खैरा के किसान प्रदर्शन की सफलता से फूले नहीं समा रहा है।
