जयशंकर ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, कहा- जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19दिसंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के तवांग में सेना के चीनी सैनिकों की झड़प को लेकर दी गए बयान के परोक्ष संदर्भ में सोमवार को लोकसभा में कहा, राजनीतिक मतभेद और आलोचनाओं में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किसी को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए.

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि देश के जवान यांगत्से में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर डटे हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं. जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान की ओर इशारा करते हुए कहा, जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उनका अपमान नहीं होना चाहिए. जवानों का सम्मान, आदर होना चाहिए और उनकी सराहना होनी चाहिए.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के परोक्ष संदर्भ में यह बयान दिया है.

यदि चीन के प्रति रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा
जयशंकर ने लोकसभा में .समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक, 2019 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब देते हुए कहा, यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा, हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं.

दुनिया भारतीय नेतृत्व की ओर निहार रही
जयशंकर ने ‘जी 20’ की अध्यक्षता के संबंध में चौधरी के एक बयान पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक के दायरे से बाहर का विषय है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इस समय दुनिया भारतीय नेतृत्व की ओर निहार रही है. दुनिया भारत के नेतृत्व को महत्व देती है. कोई चीज बारी-बारी से मिल रही है, इसका अर्थ यह नहीं है कि उसका कोई महत्व नहीं है.

संयुक्त सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के लिए गर्व की बात
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा था कि जी 20 की भारत की अध्यक्षता का महिमामंडन किया जा रहा है और इसे लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि इसके सदस्यों को बारी-बारी से अध्यक्षता मिलती है. जयशंकर ने यह भी कहा, मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मैं न्यूयॉर्क में संयुक्त सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए गया था.यह भारत के लिए गर्व की बात है. संरा सुरक्षा परिषद में सुधार और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं.

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