समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 दिसंबर। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है और हर माह दो एकादशी के व्रत आते हैं. इस प्रकार साल में कुछ 24 एकादशियां आती हैं और प्रत्येक एकादशी अपना एक विशेष महत्व रखती है. हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 19 दिसंबर को पौष माह यानि पूस की एकादशी है जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह साल 2022 की आखिरी एकादशी है और इसका व्रत करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है.
सफला एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 19 दिसंबर को पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है जो कि सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ हो गई है और इसका समापन कल यानि 20 दिसंबर को सुबह 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 19 दिसंबर यानि आज रखा जाएगा. पूजा के लिए शुभ मुर्हूत सुबह 8 बजकर 5 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक है. इसके अलावा सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा जो कि पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
सफला एकादशी पूजन विधि
एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल में लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद मंदिर में साफ-सफाई करने के बाद धूप-दीप जलाएं. फिर भगवान विष्णु को फल, फूल, पंचामृत, नारियल, सुपारी, आंवला और लौंग करें. एकादशी के दिन रात भर जागकर भगवान का जाप करना चाहिए. इस दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है और दिन भर फलाहार लेने के बाद अगले दिन सुबह तुलसी को जल अर्पित करने के बाद व्रत का पारण करें.
सफला एकादशी का महत्व
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक सफला एकादशी का व्रत करने से लोगों को सौभाग्य प्राप्त होता है और मृत्यु के बाद भक्तों को वैकुंठ की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वेमघ यज्ञ का फल प्राप्त मिलता है और मनुष्य के जीवन में आ रहे सभी दुख समाप्त होते हैं.