संस्कृति मंत्रालय देश के वरिष्ठ कलाकारों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से वित्तीय सहायता योजना का संचालन करता है: जी. किशन रेड्डी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20दिसंबर। अनुशंसित कलाकारों को वित्तीय सहायता का संवितरण इस योजना के अंतर्गत चुने गए लाभार्थियों द्वारा आवश्यक दस्तावेज जैसे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि प्रस्तुत करने पर निर्भर करता है।
संस्कृति मंत्रालय 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले देश के वरिष्ठ कलाकारों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से ‘अनुभवी एवं वयोवृद्ध कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता’ (भूतपूर्व ‘कलाकारों हेतु पेंशन व चिकित्सा सहायता योजना”) के नाम से कलाकारों की मासिक पेंशन के रूप में एक योजना संचालित करता है। सरकार का यह प्रयास रहा है कि हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान समय पर हो, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं। हालांकि, अनुशंसित कलाकारों को वित्तीय सहायता का संवितरण इस योजना के अंतर्गत चुने गए लाभार्थियों द्वारा आवश्यक दस्तावेज जैसे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि प्रस्तुत करने पर निर्भर करता है।

एक बार लाभार्थियों से सभी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हो जाने के बाद, सहायता धनराशि के वितरण को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाते हैं। चूंकि वरिष्ठ कलाकारों को पेंशन के रूप में आर्थिक सहयोग के तहत भुगतान जारी करना एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए लाभार्थियों से आवश्यक दस्तावेज मिल जाने पर लंबित भुगतान पूरा करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2017 से पहले चयनित लाभार्थियों को मासिक कलाकार पेंशन वितरित करने का कार्य 2009 में हुए एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सौंपा है।
जीवन बीमा निगम के कार्य प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। योजना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर इसके लाभार्थियों को समय पर सहायता राशि का संवितरण करने के लिए और इस संबंध में एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के उद्देश्य से उन्हें सलाह जारी की जाती है। वरिष्ठ कलाकारों को पेंशन के वितरण में देरी को कम करने के लिए, चयनित लाभार्थियों को कलाकारों की पेंशन धनराशि वर्ष 2017-18 से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर मंत्रालय द्वारा स्वयं जारी की जाती है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में यह जानकारी दी।

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