फटेहाल गद्दे, बदबूदार कम्बल, रैन बसेरे बेहाल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30दिसंबर। शीतलहर की शुरुआत के साथ दिल्ली के बेघर लोगों के लिए चुनौतियां काफी बढ़ जाती हैं। एक तरफ समाज की ओर दूसरी तरफ शीतलहर की मार झेलने को बेघर मजबूर होते है। कोई भी बेघर ठंड में न रहे इसके लिए दिल्ली सरकार द्वारा बीती 15 नवंबर से ही विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है। आज घोषणा किए 44 दिन बीत चुके है पर अभी तक दिल्ली सरकार रैन बसेरे में प्राथमिक सुविधा मुहैया कराने में भी नाकाम नजर आ रही है।

दिल्ली में 195 रैन बसेरे पहले से ही कार्यरत है। जिनमे 82 आरसीसी बिल्डिंग, 111 पोर्टा केबिन और 2 टेंपरेरी बिल्डिंग है। विंटर एक्शन प्लान के तहत भी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थाई रैन बसेरे लगाए जाते है जिनकी संख्या अभी 68 है। जो पहले से कार्यरत रैन बसेरे है उनमें भी प्राथमिक सुविधा का अभाव है। दिल्ली के आउटर लोकेशन के रैन बसेरे में टूटे फटे गद्दे और बदबूदार कम्बल की कई बार तस्वीरें देखने को मिलती है। ऐसी ही एक नजारा दिल्ली के करोलबाग टेलिफोन एक्सचेंज के पास के रैन बसेरा में देखने को मिला। करोलबाग स्थित रैन बसेरे ने लगभग सभी गद्दे के बुरे हाल है। कंबल जाने कई सालों से धुले ही ना हो ऐसे बदबुदार। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 10 सालों से वहा शौचालय ही नहीं है। वही रहने वाले स्थानीय बेघर पास में एक नगर निगम के शौचालय में 5 रूपया शुल्क देकर जाने को मजबूर है।

सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार आलेडिया ने कहा की दिल्ली सरकार ने 15 नवंबर से ही विंटर एक्शन प्लान की शुरुआत की है, पर अभी तक जमीनी स्तर पर प्लान का प्रभाव देखने को नही मिल रहा। विंटर एक्शन प्लान शुरु होने से पहले ही सभी प्रकार की तैयारियां हो जानी चाहिए, चाहे वो गद्दे–कंबल की ठीक करना हो या नया मुहैया कराना, या रैन बसेरा की अन्य छोटी मोटी मरम्मत हो। विंटर एक्शन प्लान शुरु होने को 44 दिन बीत चुके है पर अभी भी बदहाल गद्दे और बदबूदार कंबल देखने को मिल रहे है, ये कदापि उचित नही है। यहां बीते 10 सालों से टॉयलेट भी नही है यहां रहने वाले पास में एमसीडी के टॉयलेट का उपयोग कर 5 रु शुल्क देते है।

दिल्ली राज्य स्तरीय आश्रय निगरानी समिति के सदस्य इंदु प्रकाश सिंह ने ये उस शेल्टर में रहते साथियों के साथ अन्याय है। ये बिलकुल गलत है। और शौचालय मुफ्त होना चाहिए।

वही दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड से नाइट शेल्टर निदेशक वी एस वर्मा ने बताया की हमारे पास ना तो कंबल की कमी है नाही चद्दर की, इसको साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी संचालन करती संस्था की है। जिसके लिए संस्था को आदेश दे दिया गया है। शौचालय ना होने की सुचना मिली है, आने वाले 7 दिनों में समस्या का समाधान कर दिया जायेगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.