गहलोत-पायलट गुट के बीच मतभेदों को दूर करने में जुटा कांग्रेस आलाकमान, विधायकों से इस्तीफा वापस लेने को कहा

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समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 31दिसंबर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में करीब एक साल बाकी है और कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच मतभेदों को दूर करने की कमर कस ली है. सितंबर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद इस्तीफा देने वाले गहलोत गुट के करीब 91 विधायकों से अब इस्तीफा वापस लेने को कहा गया है. कुछ विधायकों ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को पत्र लिखा है.

पार्टी के नए राज्य प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि जोशी के साथ बैठक में रंधावा ने पार्टी आलाकमान के संदेश का हवाला देते हुए विधायकों के विवाद को सुलझाने पर चर्चा की. रंधावा की विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात को दोनों धड़ों के बीच सुलह की कोशिशों के तहत देखा जा रहा है.

23 जनवरी से शुरू होगा विधानसभा का बजट सत्र
विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होगा. सत्र से पहले विधायकों का इस्तीफा वापस लेना सत्ता पक्ष के लिए जरूरी हो जाता है. विधायकों के इस्तीफे को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने राजस्थान हाईकोर्ट में रिट दाखिल की है, जिस पर कोर्ट ने स्पीकर से जवाब भी मांगा है. बीजेपी ने इस्तीफों को बड़ा मुद्दा बनाया है और उम्मीद है कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष स्पीकर से इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग करेगा.

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
विपक्ष के उप नेता राठौर ने कहा है कि इस्तीफा वापस लेने के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को इस्तीफा देने वाले विधायकों को विधायक बने रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य एक अवैध सरकार द्वारा चलाया जा रहा है जो सदन में विश्वास खो चुकी है.

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