आज बुध प्रदोष व्रत: पढ़ें यह व्रत कथा, घर में आएगी सुख-समृद्धि और खुशहाली

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जनवरी। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और जब यह व्रत बुधवार के दिन पड़ता है तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन यदि विधि—विधान के साथ उनका पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साल 2023 की पहला प्रदोष व्रत 4 जनवरी 2023 को पड़ रहा है. अगर आप बुध प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के बाद व्रत कथा जरूर पढ़ें. क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है.

बुध प्रदोष व्रत कथा
प्राचीन समय में एक ब्राम्हणी रहती थी, जो पति की मृत्यु के बाद अपना पालन-पोषण भिक्षा मांगकर करती थी. एक दिन जब वह भिक्षा मांग कर लौट रही थी, तो उसे रास्ते में दो बालक दिखे, जिन्हें वह अपने घर ले आई. जब वे दोनों बालक बड़े हो गए तो ब्राह्मणी दोनों बालक को लेकर ऋषि शांडिल्य के आश्रम चली गई. जहां ऋषि शांडिल्य ने अपने तपोबल से बालकों के बारे में पता कर कहा-हे देवी! ये दोनों बालक विदर्भ राज के राजकुमार हैं. गंदर्भ नरेश के आक्रमण से इनके पिता का राज-पाठ छीन गया है.

ब्राह्मणी और राजकुमारों ने विधि-विधान से प्रदोष व्रत किया. फिर एक दिन बड़े राजकुमार की मुलाकात अंशुमती से हुई, दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे. तब अंशुमती के पिता ने राजकुमार की सहमति से दोनों की शादी कर दी. फिर दोनों राजकुमार ने गंदर्भ पर हमला किया और उनकी जीत हुई. बता दें कि इस युद्ध में अंशुमती के पिता ने राजकुमारों की मदद की थी. दोनों राजकुमारों को अपना सिंहासन वापस मिल गया और गरीब ब्राम्हणी को भी एक खास स्थान दिया गया, जिससे उनके सारे दुख खत्म हो गए. राज-पाठ वापस मिलने का कारण प्रदोष व्रत था, जिससे उन्हें संपत्ति मिली और जीवन में खुशहाली आई.

बुध प्रदोष व्रत 2023
इस साल 3 जनवरी को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और अगले दिन यानि 4 जनवरी को रात 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार बुध प्रदोष व्रत 4 जनवरी को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत प्रदोष काल यानि रात के समय पूजा की जाती है और इस बार प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए इसे बुध प्रदोष कहा जाता है।

बुध प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार बुध प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय शाम 5 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और रात 8 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। इस दिन दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा। जबकि पूरे दिन सर्वार्थ मुहूर्त रहेगा और इस दौरान पूजा करना फलदायी माना जाता है।

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