सुमधुर गीतों से सर्द मौसम का मोहक मंगलाचरण

सारिका सिंह और प्रसन्न राव की गायिकी ने श्रोताओं को जेब में से हाथ निकालकर तालियां बजाने पर विवश कर दिया

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समग्र समाचार सेवा
इन्दौर, 4 जनवरी। ‘ ट्रिब्यूट टू लीजेंड्स बाय सारिका सिंह’ कार्यक्रम में गायिका सारिका सिंह और गायक प्रसन्न राव ने बीते जमाने के सुमधुर गीतों से मंगलवार शाम सर्द मौसम की रंगत बदल दी।

स्थानीय रवींद्र नाट्य गृह में संस्था सारेगामा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तुम्हें देखती हूँ तो, गीत तेरे साज का, मैं तो तुम संग नैन, रजनीगंधा फूल जैसे गीतों से कार्यक्रम का आगाज किया। सारिका सिंह ने जब ए दिले नांदा, रुक जा रात ठहर जा रे, तेरे मेरे बीच में, एक प्यार का नगमा है, जब तक है जा जाने जहां, होठों पे ऐसी बात की प्रस्तुत की तो सर्द रात में श्रोता जेब से हाथ निकाल कर तालियां बजाने पर मजबूर हो गये। गानों के साथ गायिका सारिका सिंह की अदाओं को भी श्रोताओं ने खूब पसंद किया।

कार्यक्रम के उत्तरार्ध में गायक प्रसन्न राव और सारिका सिंह ने युगल गीतों के साथ मजमा जमाया। कार्यक्रम में दोनों ने कभी रात दिन हम दूर थे, दिल ढूंढता है फिर वहीं, ये दिल तुम बिन कहीं, मुझे कितना प्यार है तुमसे, डफली वाले, आजा तेरी याद आई जैसे सदाबहार गीतों से महफिल को नई ऊंचाई दी । योगेश पाठक की- बोर्ड, विजय राठौर की- बोर्ड, विशाल पाठक फ्लूट, विकास जैन गिटार, अमन नायक बेस गिटार, मनोज बारोलिया तबला, रवि खेडे ढोलक एवं कपिल राठौर पैड ने गीतों पर सधी और सुरीली संगत की ।


प्रारंभ में जयंत भिसे, जीतू जिराती, संजय लुणावत,प्रवीण कुमार खारीवाल, जितेंद्र भंडिया,चंदूराव शिंदे एवं गोरधन लिम्बोदिया ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।अतिथियों का स्वागत अभिषेक गावडे, संजीव गवते एवं नीरज गोयल ने किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी संजय पटेल ने किया । अंत में अवधेश दवे ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद थे।

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