अफगानिस्तान के बाद पाकिस्तान से भी छिन सकता है गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा, प्रतिनिधि सभा में बिल पेश

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जनवरी। अफगानिस्तान के बाद अमेरिका अब पाकिस्तान से भी गैर-नोटो सहयोगी का दर्जा वापस लेने पर विचार कर रहा है। इसको लेकर एक अमेरिकी सांसद ने प्रतिनिधि सभा में बिल पेश किया है। यह बिल अमेरिकी सांसद एंडी बिग्स द्वारा पेश किया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले इस बिल को सदन ओर सीनेट में पारित करने की आवश्यकता है और आवश्यक कार्रवाई के लिए इसे हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी को भेजा गया है

दर्जा जारी रखने के लिए राष्ट्रपति के सर्टिफिकेट की आवश्यकता
बता दें, पकिस्तान को गैर-नाटो सहयोगी पदनाम के रूप में जारी रखने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के वार्षिक प्रमाणीकरण की आवश्यकता है। आम तौर पर इस तरह के विधेयक पास नहीं हो पाते, लेकिन मौजूदा विधेयक पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी सांसदों के गुस्से को दर्शाता है। दरअसल, आतंकवाद को पनाह देने के लिए पाकिस्तान दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है।

बीते साल में अफगानिस्तान से छीना था गैर नाटो सहयेागी का दर्जा
बीते साल सितंबर में अमेरिका ने अफगानिस्तान से गैर-नाटो सहयोगी देश का दर्जा छीन लिया था। अमेरिका ने यह कदम देश से सैन्य वापसी और वहां पर तालिबान शासन के बाद उठाया था। अफगानिस्तान के साथ अमेरिका के 18 गैर-नाटो सहोयागी देश हैं। मालूम हो कि एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के रूप में अमेरिका अफगानिस्तान को विशेष तौर पर रक्षा क्षेत्र में कई तरह की सुविधाएं व छूट मुहैया कराता था।

अमेरिका के पास अभी 18 प्रमुख गैर नाटो सहयोगी
अमेरिका ने 1987 में प्रमुख गैर नाटो सहयोगी का दर्जा शुरू किया था। इसके तहत उसने अब तक अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इजराइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया और अफगानिस्तान को यह दर्जा दिया था, लेकिन अब उसके बाद 18 प्रमुख गैर नाटो सहयोगी हैं।

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