समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जनवरी। एसोसिएशन फॉर एशिया पैसिफिक यूनियन (AAPU) और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) 19 जनवरी 2023 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एमपी हॉल में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: “एशिया-प्रशांत में सतत विकास
शांति और समृद्धि के लिए जलवायु परिवर्तन, संस्कृति कनेक्ट और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मुख्य धारा “शांति की दुनिया बनाने में मदद करने के लिए समान विचारधारा वाली मानवता की प्रतिबद्धता के साथ सरकार और नीति चयन निर्माताओं से परे विश्व शांति प्राप्त करना, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ज्ञान साझा करने में सहकारी दृष्टिकोण की दुनिया, सतत विकास , आम उद्यमशीलता की पेशकश, गरीबी, भूख और पानी की कमी को दूर करना और हमारी और हमारी पीढ़ी की शांति की प्राप्ति की दिशा में एक एकीकृत शांति आंदोलन का निर्माण करना।
सम्मेलन के आयोजकों को माननीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री- श्रीमती मीनाक्षी लेखी और जलवायु परिवर्तन अनुसंधान संस्थान की अध्यक्ष डॉ श्रीमती मालती गोयल से शुभकामनाएं मिली हैं।
विभिन्न राजदूतों ने सम्मेलन में शामिल होने का संकेत दिया है।
आईआईसी में आमने-सामने भागीदारी के साथ सम्मेलन हाइब्रिड मोड में है, और दिल्ली से दूर अन्य लोग एक आभासी मंच पर शामिल होंगे। इसके अलावा, विभिन्न देशों के चैप्टर चेयरपर्सन भी वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सम्मेलन में शामिल होंगे।
सम्मेलन इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगा कि क्यों एशिया-प्रशांत संघ, इस क्षेत्र के लिए खतरा, AAPU यूरोपीय संघ की तरह आकार ले रहा है और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन हासिल करने के लिए हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। समुदाय शक्तिशाली हो रहे हैं और चुनावों की दिशा बदलने में सक्षम हैं। आजकल चुनाव में हर चीज सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ जाती है, जैसे नस्लीय बाधाओं को तोड़ना ही जलवायु कार्रवाई है। इसके अलावा, गरीबी को कम करना जलवायु क्रिया है। इसीलिए हर चुनाव अब एक जलवायु चुनाव है, और समुदाय “हरित वोटों पर जीत” का संदेश दे रहा है।
समुदाय एक शांतिपूर्ण दुनिया में रहना चाहता है, जो राजनीतिक आकाओं को एक ऐसी दुनिया में रहने का संदेश देता है जो जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीला और शांतिपूर्ण है। इस प्रकार, जलवायु परिवर्तन ने कई देशों में राजनीति को आकार देना शुरू कर दिया है।
हम सभी ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ बहुत कुछ होते देखा है, जिसने वैश्विक आर्थिक मशीन में एक स्पैनर फेंक दिया, जिसने महामारी के बाद की रिकवरी शुरू की। इसके अलावा, साथ ही इसने जलवायु परिवर्तन पर काम को प्रभावित किया है। मिसाइल, रॉकेट, युद्धक टैंक और युद्धक विमान सभी ग्लोबल वार्मिंग में शामिल हैं और युद्ध के दौरान नष्ट हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए भौतिक संसाधनों की आवश्यकता है। इसलिए, शांति आज के सम्मेलन के विषय का हिस्सा है।
ऑस्ट्रेलिया में पिछले चुनाव को “जलवायु चुनाव” कहा गया था।
सम्मेलन लचीला समुदायों को बनाने के लिए कला और संस्कृति कार्यक्रमों के माध्यम से सामुदायिक लचीलापन बनाने पर भी केंद्रित है। एएपीयू कल्चरल कनेक्ट पार्ट पर पहले से ही काम कर रहा है और इसे क्लाइमेट एंड कल्चरल रेजिलिएंस (सी एंड सीआर) बनाने के लिए इस थीम पर पहले से ही कई कार्यक्रम आयोजित कर चुका है।
शांति से रहने के लिए, स्थानीय संस्कृति का सम्मिश्रण और रचनात्मक प्रक्रिया के माध्यम से संस्कृति से जुड़ना आवश्यक है। कई समुदाय अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए अलग-अलग संस्कृतियों के साथ अलग-अलग देशों में चले गए और फिर भी नई सांस्कृतिक जगह से रूबरू हुए; सांस्कृतिक जुड़ाव जरूरी है।
उद्घाटन सत्र 19 जनवरी 2022 को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू होगा।
सम्मेलन डॉ यश चावला के स्वागत भाषण के बाद शुरू होता है, जो सिडनी से सम्मेलन में शामिल होंगे।
आपू के अध्यक्ष श्री जसवंतसलूजा सम्मेलन की थीम पर प्रकाश डालेंगे।
श्री रवि राहंगडाले, संयुक्त राज्य अमेरिका से बोलते हुए, औद्योगिक कॉप्न द्वारा सतत विकास पर महत्व देते हैं।
मुख्य भाषण डॉ. आर.एस. ढिल्लों, सीएमडी पीएफसीआईएल, जलवायु परिवर्तन प्रभावों पर, कैसे एशिया प्रशांत सांस्कृतिक जुड़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है
आपू के संरक्षक, डॉ. संदीप मारवाह- कला और संस्कृति क्षेत्र में एक जीवंत व्यक्तित्व, “कला और संस्कृति के माध्यम से दुनिया को एकजुट करने” पर बात करेंगे, और विंग कमांडर पी. बख्शी इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि मंच तैयार करते समय एशिया प्रशांत एकता क्यों महत्वपूर्ण है तकनीकी सत्र और पैनल चर्चा में वक्ताओं के लिए।
एसटीआईसी के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गोयल इस सम्मेलन में अपने अनुभव साझा करेंगे।
कौन से कल्चरल कनेक्ट कार्यक्रम पहले ही किए जा चुके हैं, इसके बारे में डॉ. तनिमा बनर्जी बताएंगी।
उपरोक्तानुसार मंच स्थापित करने के बाद विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य अतिथि एवं आमंत्रित राजदूत आपू को मजबूत करने पर बोलेंगे।