समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जनवरी। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकियों को पालने वाले मुल्क़ के तौर पर जाना जाता है. वक्त वक्त पर भारत के खिलाफ साजिस रचने वाले आतंकियों के पाकिस्तान की जमीन पर पनाह लेने की खबर आती है. हाफिज सईद हो या दुनियाभर में खौप पैदा करने वाला ग्लोबल आतंकी ओसामा बिन लादेन, सभी पाकिस्तान की जमीन से खूनी खेल खेलने की साजिश रचते हैं. ऐसा ही एक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर दिया है. उसका आतंकी हाफिज सईद के साथ बड़ा गहरा संबंध है. आपके बताते हैं दोनों एक-दूसरे के क्या लगते हैं.
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का साला है. अब्दुल रहमान मक्की टेरर फंड इकट्ठा करने, युवाओं को हमले के लिए उकसाने, भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है, खासकर जम्मू कश्मीर में. मक्की लश्कर ए तैयबा चीफ और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है. लश्कर के कई ऑपरेशन्स में मक्की का हाथ रहा है. वह लश्कर के ऑपरेशन्स के लिए फंड भी जुटाता रहा है.
मक्की लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. वह लश्कर की राजनीतिक पार्टी जमाद उद दावा का चीफ भी है. मक्की भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही जाना जाता है. साल 2010 में भारत विरोधी बयान को लेकर वह सुर्खियों में भी रह चुका है. उसने पुणे के जर्मन बेकरी में धमाके के आठ दिन पहले मुजफ्फराबाद में भाषण दिया था और पुणे समेत भारत के तीन शहरों में आतंकी हमले करने की धमकी दी थी. भारत की मांग पर अमेरिका ने मक्की को आतंकी घोषित किया था.
भारत-अमेरिका में पहले से ही बैन
बता दें कि भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने देश में कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर चुके हैं. मक्की भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें आतंकी हमलों के लिए धन जुटाने, भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा है. अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है.
चीन बना था रोड़ा
दरअसल, 16 जून 2022 को चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था. अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. 16 जून को चीन के अलावा सभी सदस्यों ने मक्की का नाम आतंकी पेरिस में जोड़े जाने का समर्थन किया.