महाराष्ट्र की राजनीतिक में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाल ठाकरे मराठी गौरव और हिंदुत्व के प्रतीक थे। ठाकरे के जोशीले अंदाज ने उन्हें शिवसैनिकों का भगवान बना दिया।

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जीवन परिचय
बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके पिताजी का नाम केशव सीताराम ठाकरे और माता का नाम रमाबाई था। बाला साहेब की 4 बहने थी। बाला साहेब के और भी भाई थे लेकिन उनका स्वभाव निडर और अपने मन की करने की शक्ति और सरकारी नौकरी ना करने का प्रण उनके पास ही था। बाल ठाकरे का विवाह मीना ठाकरे से हुआ था। उनसे उनके तीन बेटे हुए-बिन्दुमाधव, जयदेव और उद्धव ठाकरे। उनकी पत्नी मीना और सबसे बड़े पुत्र बिन्दुमाधव का 1996 में निधन हो गया।
ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था।

राजनीतिक जीवन
1966 में उन्होंने महाराष्ट्र में शिव सेना नामक एक कट्टर राजनैतिक संगठन की स्थापना की थी। 1994 में भाजपा-शिवसेना के गठबन्धन ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई थी। बाल ठाकरे अपने उत्तेजित करने वाले बयानों के लिये जाने जाते थे और इसके कारण उनके खिलाफ सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किये गये थे। 28 जुलाई 1999 को भारतीय चुनाव आयोग ने बाल ठाकरे को नफरत और डर की राजनीति करने के कारण वोट डालने और चुनाव लडने पर रोक लगा दी गई। लगातार 6 साल राजनीति से दूर रहने के बाद बाला साहेब ठाकरे ने 2005 में वोट डाला।

मृत्यु
साँस लेने में कठिनाई के कारण 25 जुलाई 2012 को मुम्बई के लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया था। 14 नवम्बर2012 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिलाकर उनके निवास पर ले आया गया और वहीं उनकी मृत्यु हो गई थी।
शिवाजी मैदान पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी थी। इस अवसर पर लालकृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, मेनका गांधी, प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार के अतिरिक्त अमिताभ बच्चन, अनिल अंबानी भी मौजूद थे।

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