कुमार राकेश
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31जनवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ज़ोर देकर कहा है कि भारत में स्थिर, निडर और निर्णय लेने वाली सरकार है, जो बड़े सपने साकार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद उन्मूलन के लिए ठोस कार्रवाई, नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हर तरह के दुस्साहस को कड़ा जवाब, अनुच्छेद 370 और तीन तलाक को हटाना निर्णायक सरकार के उदाहरण हैं। संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि देश में ऐसी सरकार है, जो इमानदार व्यक्तियों का सम्मान करती है और गरीबों की समस्याओं के समाधान तथा उन्हें स्थायी रूप से सशक्त करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वर्ष 2047 तक ऐसे देश का निर्माण करने की जरूरत है, जिसमें न केवल गौरवशाली अतीत को ग्रहण किया जाए, बल्कि आधुनिकता के सभी स्वर्णिम पक्षों को समाविष्ट भी किया जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसा भारत बनाए जो आत्मनिर्भर हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को भी पूरा करने में सक्षम हो। राष्ट्रपति ने नागरिकों से अमृतकाल में अपने कर्तव्यों को पूरा करने की अपील की, ताकि देश को विकसित बनाया जा सके।
विश्व में भारत के बढ़ते कद के संबंध में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान पहली बार लोगों को बहुत से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा परिवर्तन यह है कि अभी प्रत्येक भारतीय का विश्वास चरम पर है और भारत के प्रति विश्व के दृष्टिकोण में परिवर्तन आया है। भारत के जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के संबंध में राष्ट्रपति ने कहा कि ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य, के मंत्र के साथ देश जी-20 के सदस्य देशों के सहयोग से वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान तलाशने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी भूमिका का विस्तार किया है। अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति ने इस बात का भी उल्लेख किया कि आतंकवाद के प्रति भारत के कड़े रुख को विश्व ने मान्यता दी है। इसके कारण आतंकवाद के विरुद्ध प्रत्येक वैश्विक मंच पर भारत की आवाज गम्भीरता से सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का ठोस मत है कि देश में शांति तभी सम्भव है, जब वह राजनीतिक और सामरिक रूप से मज़बूत हो। इसलिए लगातार सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा है।
भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा सत्रु बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विगत कुछ वर्ष में इसके विरुद्ध अथक लड़ाई लड़ी गई है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में ईमानदार व्यक्तियों का सम्मान सरकार सुनिश्चित कर रही है। इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कराधान प्रणाली में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और इसके सुविधाजनक बनाने से लोगों को जीवन आसान हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल तीनों को एक साथ रखकर एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और डिजिटल भारत जैसे कई बड़े सुधार लागू किए गए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज तीन सौ से अधिक योजनाओं में लाभार्थियों को सीधे उनके खातों में आर्थिक लाभ पहुंचाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी हटाओं केवल अब नारा नहीं रहा, क्योंकि अब सरकार गरीबों को सशक्त करने के लिए काम कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भारत उन देशों में से एक था, जिनमें गरीबों के जीवन को बचाने को शीर्ष प्राथमिकता दी गई और यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी गरीब भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार बदली हुई परिस्थितियों में करने का निर्णय लिया है। यह एक संवेदनशील और गरीब-हितैषी सरकार की पहचान है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के विगत 9 वर्ष में सभी नागरिकों के कल्याण के लिए काम कर रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के संबोधन की प्रतिलिपि लोकसभा और राज्यसभा में पेश कर दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण-2022-23 पेश किया। इसके बाद दोनों सदनों को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले लोकसभा में सांसद संतोख सिंह चौधरी और पूर्व सदस्य शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। राज्यसभा में सदन में पूर्व सांसद श्री शरद यादव और डॉक्टर डी मस्थान को श्रद्धांजलि दी गई। दोनों सदनो ने महिला क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी अंडर-19 महिला टी-20 विश्वकप जीतने पर भी बधाई दी।