गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
अग्रोहा में बनने वाले कैंसर अस्पताल की हरियाणा सरकार ने की भ्रूण हत्या – भाग एक।
इस तरह दी सरकार ने कैंसर के मरीजों को जीते जी श्रद्धांजलि। एक तरफ कैंसर दिवस पर अनिल विज का बयांन आया की हरियाणा में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ने को लेकर सरकार चिंतित है।
दूसरी तरफ उन्ही की सरकार ने महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में बनाये जाने वाले कैंसर अस्पताल की भ्रूण हत्या करके कैंसर के मरीजों के जीते जी श्रद्धांजलि देने का काम किया है, जिसके लिए उसका नाम गिनिस बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड में आना चाहिए।
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा की खोज में चौकाने वाले तथ्य सामने आए है जो पाठको के सामने प्रस्तुत है।
घटनावार ब्यौरा
मुंबई की एक फार्मा फर्म के मालिक के परिवार के किसी सदस्य की कैंसर से अकाल मौत हो गयी।
उसकी याद में वे देश में कही कैंसर अस्पताल बनवाना चाहते थे। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा की निस्वार्थ सेवा भावना से प्रभावित होकर उन्होंने ,वहा की मैनजमेंट से सम्पर्क किया।
चालीस करोड़ दान दिया और आगे भी सारा खर्च देने को कहा। वहा प्रस्तावित अस्पताल का नीव पत्थर भी रख दिया गया। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कैंसर मरीजों ने राहत की साँस ली की अब उन्हें इलाज के लिए मुंबई , दिल्ली या बीकानेर नहीं जाना पड़ेगा।
अग्रोहा मेडिकल कॉलेज की छवि को देखते हुए ,टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल मुंबई भी उस प्रस्तावित कैंसर अस्पताल के साथ कोलेबोरेशन करके सहायता देने का प्रस्ताव रखा।
शुरू में पचास बिस्तरों का अस्पताल बनना था। प्रबंधन कमेटी को सलाह दी गयी की इसे सो बिस्तर का बना लो। सरकार मेडिकल कॉलेज के खर्च का निनान्ये फीसद खर्च देती है और पचास फीसद मैचिंग ग्रांट देने का भी प्रावधान है। यही से सरकार ने इसके अनुमति देने की बजाय अडंगेबाजी लगानी शुरू कर दी। कहा की वहा कैंसर विभाग खोलो तो ठीक है अस्पताल के लिए सरकार खर्च क्यों करें? कहा की इसे खोलने की हमने अनुमति थोड़े ही दी थी।
कैंसर मरीजों से खिलवाड़
यदि वहा कैंसर अस्पताल खुल जाता तो न केवल हरियाणा , बल्कि पंजाब और राजस्थान के मरीजों को घर के पास सस्ता इलाज मिल जाता।
कोरोना के समय दिल्ली तक के मरीज अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल हुए।
ओमप्रकाश जिंदल की जिंदल इंडस्ट्री ने मुफ्त में ऑक्सीजन के सिलिंडर दिए।
संस्थान में मैनेजमेंट किसी भी कोर्स में कोई सीट नहीं है।
अग्रोहा में खुलने वाले कैंसर अस्पताल पर नहीं हुई मनोहर की ‘मनोहर कृपा’। अस्पताल खुलता तो पंजाब,हरियाणा और राजस्थान के कैंसर मरीजों को राहत मिलती। मनोहर जी आप के लिए तो मेदांता पलक पावड़े बिछाये चौबीस घंटे हाजिर। गरीबो के लिए एक अस्पताल खुल जाता तो आप का क्या जाता? आपको तो फीता काट कर मुफ्त की वाहवाही मिलती। सुना है की हेल्थ महकमे का एक अफसर आपको अँधेरे में रखे हुए है ,अफसरों के चुंगल से निकल गरीब मरीजों पर रहम करो।