समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7फरवरी। अडाणी समूह से संबंधित मुद्दे पर तीन दिन के गतिरोध के बाद लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा सांसद सी पी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व के मंच पर भारत की स्थिति मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो देश में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ था जिस पर वर्तमान शासन ने अंकुश लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अन्त्योदय के दृष्टिकोण से काम कर रही है जिसका अर्थ है कि समाज के अंतिम व्यक्ति को सशक्त किया जाए। श्री जोशी ने यह भी कहा कि किसान, युवा और गरीब श्री मोदी की ओर बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों से उन्हें नजरअंदाज किया लेकिन वर्तमान सरकार ने उनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं।
लोकसभा में आज सुबह बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, डीएमके और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया जिसकी अनुमति नहीं दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश के लोग चाहते है कि सदन में कामकाज चले। उन्होंने सदस्यों से सदन की तय कार्यवाही में भाग लेने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण है और इसमें कभी भी बाधा नहीं आनी चाहिए लेकिन विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति से जांच की अपनी मांग उठाते रहे। बाद में सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
अडाणी समूह से संबंधित मुद्दे पर जारी विपक्ष के विरोध के कारण उच्च सदन के कामकाज में आज भी बाधा आई। राज्यसभा की बैठक को दिन के दो बजे तक स्थगित करना पड़ा। इससे पहले आज सुबह जब सदन की बैठक शुरू हुई तब सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी दलों की ओर से दिए गए स्थगन के नोटिस को अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह नोटिस क्रम में और नियमों के अनुसार नहीं है। इस पर कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और आम आदमी पार्टी के विपक्षी सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया और अडाणी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे। आम आदमी पार्टी के सदस्य सदन के बीचों बीच आ गए। इस पर श्री धनखड़ ने कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालना संसदीय प्रावधानों के विरूद्ध है। उन्होंने सदन के बहुमूल्य समय को नष्ट किए जाने पर चिंता जताई। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों के विरूद्ध कार्रवाई की चेतावनी भी दी। हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, आरजेडी, बीआरएस, वामपंथी और अन्य दलों के विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा किया। आम आदमी पार्टी के सदस्य सदन के बीचो बीच आ गए। शोर-शराबे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन सदन को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
संसद के दोनों सदनों में तुर्किए और सीरिया में भीषण भूकंप के कारण प्राण गंवाने वाले लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।