विक्टोरिया गौरी के हाईकोर्ट जज बनने पर उठे सवाल, एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा ने विवाद के बीच ली मद्रास हाई कोर्ट की शपथ
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7फरवरी। एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट के जज ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू की है। गौरी के खिलाफ वकील ने अपने राजनीतिक पहलुओं का हवाला देते हुए दलील दी कि जज की शपथ लेने वाले व्यक्ति का संविधान पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले भी ऐसे ही आए हैं, जब राजनीतिक संभावना वाले लोग सुप्रीम कोर्ट में भी जज बने। करीब 22 मिनट सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। गौरी के अभियोग के मद्रास उच्च न्यायालय 22 ऑल के ग्रुप सुप्रीम ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया था कि गौरी बीजेपी नेता हैं। वन ने कहा था कि विक्टोरिया गौरी ने इस्लाम को हरा आतंक और ईसाई को सफेद आतंक जैसे बयान भी दिए थे। पहले CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 फरवरी को मामले पर सुनवाई करने की बात कही थी,
लेकिन एडवोकेट राजू के अनुरोध पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गए। कॉलेजियम और राष्ट्रपति को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है।
कोर्ट में सुनवाई के समय कौन क्या बोला
अभियोग का विरोध: वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने कहा, “गौरी के उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को खारिज कर दिया जाना चाहिए। गौरी जो बयान सार्वजनिक कर रही हैं, वह शपथ लेने के लिए अप्रासंगिक साबित हो जाते हैं। मद्रास मामला उच्च न्यायालय की नजर में था। फिर 10.35 पर शपथ? 10.35 का क्या महत्व है? अदालत 5 मिनट में फैसला करेगी?”