गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
हरियाणा महाभारत की धरती है- संजय की भूमिका निबाह कर धृतराष्ट्रों और भीष्म पितामहों को आईना दिखा रहा हूँ।
यहाँ सदियों पूर्व भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते कहा की फल की चिंता किये बिना कर्म करो। आज गीता के नाम पर जमकर राजनीति हो रही है। तोते की तरह दिन रात , गीता -गीता पुकारा जा रहा है। वयवहार में कुछ और है। हरियाणा एक – हरियाणवी एक ,गुड गवर्नेंस और करप्शन पर जीरो टॉलरेंस के जुमलों को गोब्ब्ल्स की बार -बार झूठ बोलने पर बात सच्ची लगेगी वाली बात को सार्थक करते हुए,लोकसंपर्क महकमे के माध्यम से अख़बारों में करोडो के विज्ञापन देकर उसे यूनिवर्सल ट्रुथ की तरह लोगो के दिल और दिमाग में बिठाया जा रहा है जैसे की रामराज्य आ गया हो।

आईना दिखा रहा हूँ: 
मुझे न नेता बनना है और न ही कोई चुनाव लड़ना। पचास साल पहले राजकीय महाविधालय जींद का छात्र रहते कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव लड़ा और जीता था। यहाँ पैदा हुआ हूँ सो यहाँ के हालत देख कर दिल दुखता है और रोना आता है। यहाँ का जवान देश की रक्षा के लिए क़ुरबानी देता है और किसान देश के अनाज के भंडार भरता है। तीन तरफ से दिल्ली से जुड़ा है। किसान के नाम पर राजनीती करने वाले नेताओं के गुरग्राम में गलेरिया , और चमेलिया में आलीशान फ्लैट और फार्महाउस है।
गुरुग्राम बहुरास्ट्रीय कंपनियों का केंद्र है और यहाँ प्रॉपर्टी में अडानी से लेक्रर ट्रम्प तक का इंटरेस्ट है। इसलिए चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल का दिल भी अपने हलके करनाल को छोड़ कर गुरुग्राम में ज्यादा लगता है। और अपने भूपिंदर हूडा ने तो गुरुग्राम में भूमि अधिग्रहण अधिनियम का मिसयूज करके ,किसानो को अपनी पुरखो की जमींन बिल्डर माफिया को कोढ़ियों के भाव बेचने पर मजबूर किया जिसके लिए वे उम्र के इस दौर में अदालतों के चक्र लगा रहे है, लेकिन फिर भी किसानो के नेता है।
यहाँ पुत्र और परिवार के मोह में अंधे धृतराष्ट्र है। हस्तिनापुर की निष्ठा से बंधे भीषम पितामह है जो द्रोपदी का चीरहरण होते देख रहे है। विज्ञापन के लालच में अँधा हुआ मीडिया है और निष्क्रिय विपक्ष। अगर यहाँ मुख्य मंत्री थोड़ी सी भी ईमानदारी से काम करे तो जनता को बहुत कम टैक्स देना पड़े।
पिछले पेंतालिस वर्ष से संजय की भूमिका में कलम के माध्यम से इन भीषम पितामहों और धृतराष्ट्रों को आईना दिखा रहा हूँ और प्रयास कर रहा हूँ की जनता असलियत को जाने। हरियाणा को लूटता देख दिल रोता है ,इसलिए पैसठ साल के उम्र में हार्ट, प्रोस्टेट ग्लैंड,डायबिटीज ,उक्त रक्तचाप और एसिडिटी की बीमारियों के बावजूद रात दस बजे सोकर सुबह एक बजे उठकर सारा दिन कलम चलाता रहता हूँ। भगवान कृष्ण के उपदेश पर चलते हुए फल की चिंता किये बिना कर्म कर रहा हूँ और करता रहूंगा।
चाणक्य बनना चाहता हूँ लेकिन कोई चन्द्रगुप्त नहीं मिल रहा। किसी चन्द्रगुप्त की तलाश में हूँ जो प्रदेश का भला कर सके और में बुढ़ापे में आराम करू।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.